आवारा कुत्तों के आतंक से शहर को मिलेगी मुक्ति, विकास से संबंधित प्रस्ताव हुए पारित
जागरण संवाददाता करनल शहर से आवारा कुत्तों के आतंक से नागरिकों को छुटकारा मिलेगा भविष्य में इनकी संख्या ना बढ़े इसके लिए शनिवार को लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित हाउस की मीटिग में आउट ऑफ एजेंडा से मेयर रेणु बाला गुप्ता आयुक्त निशांत कुमार यादव व सभी वार्ड पार्षदों की सहमति से 15 हजार कुत्तों को बंधीकरण करने का प्रस्ताव पास हो गया। निगमायुक्त ने बताया कि इस संबंध में नगर निगम की ओर से टैंडर लगा दिया गया है। इसके साथ ही निगम के अधीन आने वाले सभी सामुदायिक केंद्रों के रखरखाव रखने के लिए ऑक्शन पर देने की सहमति बनी। कम्बोपुरा स्थित कम्यूनिटी सेंटर की बुकिग के लिए वहां के लोगों को टोटल शुल्क में
जागरण संवाददाता, करनाल : शहर से आवारा कुत्तों के आतंक से नागरिकों को छुटकारा मिलेगा, भविष्य में इनकी संख्या ना बढ़े, इसके लिए शनिवार को लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित हाउस की मीटिग में आउट ऑफ एजेंडा से मेयर रेणु बाला गुप्ता, आयुक्त निशांत कुमार यादव व सभी वार्ड पार्षदों की सहमति से 15 हजार कुत्तों को बंधीकरण करने का प्रस्ताव पास हो गया। निगमायुक्त ने बताया कि इस संबंध में नगर निगम की ओर से टैंडर लगा दिया गया है। इसके साथ ही निगम के अधीन आने वाले सभी सामुदायिक केंद्रों के रखरखाव रखने के लिए ऑक्शन पर देने की सहमति बनी। कम्बोपुरा स्थित कम्यूनिटी सेंटर की बुकिग के लिए वहां के लोगों को टोटल शुल्क में 25 फीसद की छूट देने की बात कही गई। आयुक्त ने हाउस में सभी पार्षदों को डेयरी शिफ्टिग में हो रही कार्रवाई की जानकारी देते बताया कि शहर में कोई भी पशु डेयरी नहीं रहेगी, इस पर पार्षदों ने नगर निगम का अच्छा कदम बताया और इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने में सहयोग देने की बात कही।
शहर में सफाई के लिए बनाए गए जोन में सफाईकर्ताओं को पे-रोल पर लेने के लिए एक 5 सदस्यीय कमेटी बनाने पर विचार किया गया, जिसमें महापौर और चार पार्षद शामिल रहेंगे। इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आयुक्त ने बताया कि जो सफाईकर्ता विगत 16 महीने के पे-वाउचर में रेगूलर होगा, उसे पे-रोल में लिया जाएगा, सुपरवाईजर भी सफाई कर्मचारी होंगे। इन शर्तों के बावजूद यदि कोई सफाईकर्ता रह जाता है, तो उसे द्वितीय चरण में लेने पर विचार किया जाएगा।
मीटिग में कुल नौ प्रस्तावों पर चर्चा की गई। प्रस्ताव नंबर तीन में सेक्टर-36 स्थित अंसल हाउसिग टाऊन को नगर निगम के अधीन लेने तथा इसमें विभिन्न विकास कार्य करवाने का रहा। इस पर आयुक्त ने कहा कि इस पर विचार करने के लिए पहले एक कमेटी बनाएंगे और फिर निर्णय लिया जाएगा। इसे पेंडिग रख दिया गया। एक प्रस्ताव के तहत उपायुक्त ने कहा कि सरकार की पॉलिसी के अनुसार सरल केंद्रों में सिगल विडो के तहत सेंट्रलाइज्ड सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। फिर भी नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए एक छोटा सरल केन्द्र बनाया जाए, इसके लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया जाएगा।
एक प्रस्ताव नगर निगम करनाल की सीमा में विज्ञापन प्रकाशित करने की निविदा को लेकर था। इस पर चर्चा के दौरान आयुक्त ने नगर निगम के ईओ की ड्यूटी लगाई कि जब तक सरकार की नई पॉलिसी नहीं आती। तब तक इसी पॉलिसी के आधार पर ही नगर निगम सीमा में विज्ञापनों के स्थान व रेट की निविदाएं आमंत्रित कर ली जाएं।
जुण्डला गेट में स्थित जीवीडी की भूमि को सघन पशुधन विकास परियोजना विभाग के नाम पट्टे पर करने संबंधित प्रस्ताव लंबित रखा गया। प्राइवेट कॉलोनाईजरों द्वारा करनाल में विकसित की गई टाऊनशिप व कालोनियो के विकास शुल्क नगर निगम करनाल में जमा करवाने तथा इनके नक्शे नगर निगम करनाल द्वारा पास किए जाने को लेकर प्रस्ताव रखा गया। इस प्रस्ताव पर डीटीपी ने नियमों का हवाला देकर कहा कि अब नए रूल आ गए हैं, जिनसे इस प्रस्ताव का कोई औचित्य ही नहीं बनता। इसलिए इसे इसे ड्रॉप कर दिया जाए और प्रस्ताव ड्रॉप कर दिया गया।
पुरानी समस्याएं ही हल नहीं होने पर उखड़े रहे पार्षद
बैठक में एक-एक वार्ड पार्षद ने अपनी-अपनी समस्याएं रखी। साथ ही निगम के अधिकारियों पर उनकी बातों पर गौर नहीं करने के आरोप भी लगाए। पार्षदों की मुख्य तौर पर समस्याएं सड़कों की मरम्मत, गंदे पानी की निकासी नहीं होना, नए नलकूपों की स्थापना, उनके बिजली कनेक्शन, वार्ड-3, 13 व 15 में सीवर की पुरानी लाइनों की जगह पुरानी लाइनें लगाना, नालों की सफाई, स्ट्रीट लाइटें, साफ-सफाई जैसी जरूरतों के समाधान को लेकर थी। विकास कार्यों के लिए मेयर ने किया सीएम का धन्यवाद
मेयर रेणु बाला गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में करनाल शहर में करोड़ों रूपये के अनेक विकास कार्य हुए हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की स्पष्ट मंशा है कि शहर के प्रत्येक वार्ड में नागरिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करवाए जाएं, ताकि उन्हें उसका फायदा मिल सके।