दस वर्षो से धूल-मिट्टी से परेशान हो रहे 200 दुकानदार
राजीवपुरम को बसे 30 वर्ष से अधिक समय हो गया है लेकिन अभी तक यहां लोगों को पक्की सड़कें नहीं मिल पाई। भाजपा सरकार के विकास के दावे यहां दम भर रहे हैं। विधायक हरविद्र कल्याण के हलके के इस क्षेत्र में निकासी नहीं हैं। सीवर काम धीमी गति से चल रहा है और सड़कों पर धूल कीचड़ जमा पानी व गंदगी आम है।
-जागरण लाइव
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-राजीवपुरम में निकासी की समस्या आम, 30 वर्षों से कच्ची सड़कें
-नेताओं व अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक चुके क्षेत्रवासी, नहीं हुआ समस्या का समाधान जागरण संवाददाता, करनाल : राजीवपुरम को बसे 30 वर्ष से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक यहां लोगों को पक्की सड़कें नहीं मिल पाई। भाजपा सरकार के विकास के दावे यहां दम भर रहे हैं। विधायक हरविद्र कल्याण के हलके के इस क्षेत्र में निकासी नहीं हैं। सीवर काम धीमी गति से चल रहा है और सड़कों पर धूल, कीचड़, जमा पानी व गंदगी आम है। यहां के लोग घर बनाकर कर पछता रहे हैं। नगर निगम में आने के बाद स्मार्ट होने का सपना जो देखा था, जो कुछ समय में ही टूट गया है। राजीवपुरम की सातों गलियों और लिक सड़कें विकास की तस्वीर बयां कर रही हैं। दस वर्षों से मुख्य सड़क पर 200 दुकानदारों को धूल-मिट्टी का सामना करना पड़ रहा है। 30 वर्षो से तरस रहे
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गली नंबर 3 निवासी विजयपाल तोमर ने बताया कि लिक रोड होने के कारण यहां न तो सीवर डाला गया है और न ही साफ-सफाई है। तीस वर्ष पहले शहर को लगते क्षेत्र में मकान तो बना लिया था, लेकिन यह नहीं पता था सुविधाओं के लिए इतना इंतजार करना पड़ेगा। नगर निगम में आने के बाद एक उम्मीद जगी थी कि अब बड़े स्तर पर विकास होगा जो नहीं हुआ। गली पक्की न होने के कारण धूल व गंदगी घरों में आती है। लोग हो रहे चोटिल
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अधिवक्ता रोहित शर्मा ने बताया कि अक्टूबर में मुख्य सड़क के निर्माण की बात सामने आई थी, जो अभी तक नहीं बनी। टाटा कंपनी की ओर से सीवर डाला जा रहा है,जिसकी गति कछुआ चाल से हो रही है। बारिश के दिनों में गली में से डर कर निकलना पड़ता है। पानी जमा होने से गड्ढों का पता नहीं चलता और हादसा हो जाता है। पिछले दिनों बरसात में गिरकर एक महिला चोटिल भी हो गई। निगम अधिकारियों को चाहिए काम में तेजी लाएं। कई बार कर चुके शिकायत
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अजय कुमार ने बताया कि गलिया कच्ची हैं। इस संबंध में पार्षदों और विधायक को संज्ञान में भी लाया गया है। कई बार क्षेत्र के लोग नगर निगम कार्यालय में भी समस्या बता कर आए हैं। सभी नेताओं और अधिकारियों को भली-भांति राजीवपुरम की समस्याओं के बारे में जानते हैं। बावजूद वर्षों से न तो निकासी का प्रबंध हुआ है और न ही गलियां दुरुस्त हुई हैं। अनसुना करते हैं अधिकारी
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गोपाल दास ने बताया कि क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है। वर्ष 2004 में यहां आकर बसे थे और 15 साल से निकासी की समस्याओं को लेकर उलझे हुए हैं। बारिश के दिनों में दो-दो फीट तक पानी गलियों में जमा हो जाता है। क्षेत्र की सातों गलियों में गंदगी और गड्ढे हैं। लोगों को भी अब आदत पड़ गई है। अधिकारियों को समस्या बताई जाती है, लेकिन वे भी अब अनुसना करने लगे हैं। --बॉक्स---
मकान बनाने से कतरा रहे लोग
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दुकानदार प्रदीप गोयल ने बताया कि दस वर्ष से मुख्य सड़क पर बर्तनों की दुकान कर रहा हूं। मुख्य सड़क की एंट्री पर ही गंदगी व मिट्टी का ढेर नगर निगम ने लगा रखा है। बरसात आने के बाद चार-पांच दिन तक यहां सड़क पर पानी जमा रहता है। 200 दुकानदार यहां बाजार में बैठे हैं, धूल-मिट्टी के कारण दुकानदारी भी प्रभावित हो रही है। समय के साथ क्षेत्र का विकास होता है, लेकिन यहां हालात उलट हैं। अब तो लोग यहां मकान बनाने से भी कतरा रहे हैं।