गर्मियों में रोजाना दी जाएगी 1.10 करोड़ यूनिट सप्लाई, अर्बन एरिया व औद्योगिक क्षेत्र को मिलेगी 24 घंटे बिजली
जिले में लाइन लॉस या फिर चोरी होने वाली करोड़ों यूनिट बिजली में से निगम इस साल 19 करोड़ यूनिट बचाने में कामयाब रहा है। जिसका उपभोक्ताओं को फायदा यह होगा कि उन्हें निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई मिलेगी। निगम ने बिजली चोरी, बेहतर मेंटेनेंस, लोगों के घरों से मीटर बाहर निकालकर यह यूनिट बचाई हैं। इससे फायदा यह होगा कि फीडर या ट्रांसफार्मर ओवरलोड नहीं होंगे। बिजली की तार व जंपर नहीं टूटेंगे। ब्रेक डाउन की समस्या दूर होगी। निगम इस बार गर्मियों में रोजाना 1.10 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई देगा।
जागरण संवाददाता, करनाल : जिले में लाइन लॉस या फिर चोरी होने वाली करोड़ों यूनिट बिजली में से निगम इस साल 19 करोड़ यूनिट बचाने में कामयाब रहा है। जिसका उपभोक्ताओं को फायदा यह होगा कि उन्हें निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई मिलेगी। निगम ने बिजली चोरी, बेहतर मेंटेनेंस, लोगों के घरों से मीटर बाहर निकालकर यह यूनिट बचाई हैं। इससे फायदा यह होगा कि फीडर या ट्रांसफार्मर ओवरलोड नहीं होंगे। बिजली की तार व जंपर नहीं टूटेंगे। ब्रेक डाउन की समस्या दूर होगी। निगम इस बार गर्मियों में रोजाना 1.10 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई देगा।
बिजली निगम का मानना है कि इससे उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से बिजली मुहैया होगी। अघोषित बिजली के कट नहीं लगेंगे। निगम के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस साल अच्छी ग्रोथ रही है। गर्मियों के दिनों में इस बार सरप्लस बिजली देने की योजना बनाई जा रही है। एग्रीकल्चर सेक्टर में आठ घंटे, ग्रामीण क्षेत्र में 12 घंटे और औद्योगिक क्षेत्र में 24 घंटे बिजली दी जाएगी। एग्रीकल्चर के लिए जून माह में शेडयूल जारी किया जाएगा।
रेवेन्यू से भरा खजाना
इस बार निगम को रेवेन्यू भी अच्छा हुआ है। बिजली निगम को इस वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1045 करोड़ रुपये का रेवेन्यू बिजली बिल के रूप में हुआ है जबकि 2016-17 में यह राशि 996.87 करोड़ रुपये थी। यानि इस बार 48.58 करोड़ रुपये अधिक मुनाफा हुआ है। निगम का कहना है कि जितना रेवेन्यू बढ़ा है उसको बिजली कार्यो के सुधार में खर्च किया जाएगा। इसके साथ ही म्हारा गांव-जगमग गांव योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता लाने में कामयाब रहे हैं, यही कारण है कि रिकवरी अधिक हुई है। इसके अलावा शहर के लिए अलग स्कीमें, ब्याज माफी स्कीमों का भी निगम को फायदा हुआ है। निगम अधिकारियों ने कहा कि लक्ष्य से अधिक करनाल में काम हुआ है। भविष्य में गांवों को फोकस किया जाएगा।
शहर में औसत साढ़े 23 घंटे बिजली
बिजली निगम की ओर से शहर में 24 घंटे बिजली सप्लाई देने का दावा किया जा रहा है, लेकिन शहर के कई हिस्से ऐसे हैं जहां पर 20 घंटे भी बिजली नहीं आती है। हालांकि निगम का कहना है कि मेंटेनेंस कार्यो के कारण बिजली काटनी पड़ती है। शहर में बिजली सप्लाई का औसत रेसो साढ़े 23 घंटे निकलता है। इसके अलावा म्हारा गांव जगमग गांव योजना के तहत 12, 18 व 24 घंटे के हिसाब से गांवों का बिजली शेड्यूल है।
जो रेवेन्यू बिजली निगम को हुआ है वह कहां पर खर्च करने का है प्लान
- लोगों के घरों से मीटरों को बाहर निकाला जाएगा।
- खराब बिजली के मीटरों को बदला जाएगा।
- नंगी तारों की जगह एलटी-एबी केबल लगाई जाएंगी।
- म्हारा गांव जगमग गांव योजना पर काम किया जाएगा।
- ट्रांसफार्मरों को जीओ स्विच से कनेक्ट किया जाएगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर हो चुकी लाइनों को बदला जाएगा, जहां पर लोहे के खंभे हैं, वहां पर सीमेंट के पोल लगाए जाएंगे। जिले में 64 सब स्टेशनों के 584 फीडरों से होती है सप्लाई
जिले के 64 सब स्टेशनों व 584 फीडरों के अंर्तगत 84 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर आते हैं। जिसमें 24624 ट्रांसफार्मर 25 केवी के हैं। 5901 ट्रांसफार्मर 100 केवी तथा 969 ट्रांसफार्मर 200 केवी के हैं। इनसे निगम जिले में बिजली सप्लाई देता है। 3.99 लाख उपभोक्ताओं तक इस समय बिजली सप्लाई दी जा रही है। वर्जन
फोटो----26 नंबर है।
हमारा लक्ष्य है कि लोगों ताक निर्बाध बिजली पहुंचे। बेहतर मेंटेनेंस वर्क और घरों से मीटर जितने बाहर निकाले हैं, उनका रिजल्ट भी आया है। यही कारण है कि हम 19 करोड़ यूनिट बिजली बचा पाने में कामयाब हुए हैं। गर्मियों में बेहतर बिजली सप्लाई के लिए हमारी टीम तैयार है। रोजाना 1.10 करोड़ यूनिट बिजली दी जाएगी।
अश्विनी कुमार रहेजा, एसई, बिजली निगम करनाल।