393 स्ट्रीट वेंडरों को उपलब्ध कराया 10-10 हजार रुपये का ऋण : विक्रम
निगम आयुक्त ने प्रधानमंत्री स्वनिधि स्कीम को लेकर ली बैठक
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निगम आयुक्त ने प्रधानमंत्री स्वनिधि स्कीम को लेकर ली बैठक जागरण संवाददाता, करनाल
: कोविड-19 के चलते प्रभावित हुए रेहड़ी-फड़ी पथ विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के प्रयास जारी हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में करनाल नगर निगम पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश भर में सर्वाधिक 2440 आवेदन प्राप्त करने व स्ट्रीट वैंडरों के ऋण स्वीकृत करवाने में शीर्ष पर है। शुक्रवार को नगर निगम आयुक्त विक्रम ने योजना की समीक्षा के लिए अपने कार्यालय में नगरीय परियोजना अधिकारी (सीपीओ) प्रवीन चुघ के साथ इस बाबत बैठक की। आयुक्त ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना प्रदेश के तीन जिलों अंबाला, करनाल और हिसार के नगर निगम में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई थी। इसमें सभी प्रयासों के बाद अब तक करनाल नगर निगम में स्ट्रीट वेंडरों के 2440 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें 1298 के विभिन्न बैंकों से ऋण स्वीकृत करवाए गए और 393 स्ट्रीट वेंडरों की 10 हजार रुपये की राशि प्रति वेंडर, उनके खाते में जमा करवा दी गई है। शेष 1142 आवेदनों को स्वीकृत करने की प्रक्रिया चल रही है। करनाल शहर के 1808 ऐसे स्ट्रीट वैंडर हैं, जिनका एलओआर (लेटर ऑफ रिक्मेंडेशन) नगर निगम द्वारा किया जा चुका है, जो अब भी जारी है। समीक्षा बैठक में आयुक्त ने सीपीओ को निर्देश दिए कि वे प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के कार्य को प्राथमिकता पर लेकर पूरी रूचि से करें, ताकि स्कीम का लाभ सभी स्ट्रीट वेंडरों को दिया जा सके। इस कार्य की रोजाना समीक्षा होनी चाहिए, तभी इस पर आगे बढ़ सकेंगे। जो स्ट्रीट वेंडर रह गए हैं, वे आगामी 31 अक्टूबर से पहले-पहले नगर निगम के नेहरू पैलेस स्थित नगर सुधार न्यास कार्यालय जाकर आवेदन कर सकते हैं। भविष्य में सभी रेहड़ी-फड़ी वाले आवेदन करके इस तरह का प्रमाण पत्र हासिल कर लें। आयुक्त ने एलडीएम व बैंक प्रतिनिधियों से कहा कि जो बैंक ऋण स्वीकृत करने में ढिलाई बरतेंगे, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एलडीएम से कहा कि अधिक से अधिक मामले स्वीकृत करवाएं। इस पर एलडीएम ने आयुक्त को भरोसा दिलाया कि वे अधिक से अधिक केस स्वीकृत करवाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।