नाक की बढ़ी हुई हड्डी के ऑपरेशन के बाद युवक की मौत, परिजनों ने शव रखकर लगाया छोटूराम चौक पर जाम
जड़ौला गांव के कुलदीप (26) की अंबाला रोड स्थित जयप्रकाश अस्पताल में नाक की हड्डी का ऑपरेशन करने के बाद मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सक पर इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए छोटूराम चौक पर जाम लगा दिया।
जागरण संवाददाता, कैथल : जड़ौला गांव के कुलदीप (26) की अंबाला रोड स्थित जयप्रकाश अस्पताल में नाक की हड्डी का ऑपरेशन करने के बाद मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सक पर इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए छोटूराम चौक पर जाम लगा दिया। परिजनों ने हंगामा करते हुए कहा कि नाक की मामूली से हड्डी बढ़ी हुई थी, इसके अलावा कोई दिक्कत कुलदीप को नहीं थी, लेकिन ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक ने लापरवाही बरती इस कारण मौत हुई है। परिजनों ने जाम लगाते हुए अस्प्ताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सूचना मिलने पर सिटी थाना एसएचओ प्रदीप कुमार और डीएसपी बलजिद्र सिंह मौके पर पहुंचे। मृतक के भाई संजय की शिकायत पर अस्पताल के संचालक डॉ. अरविद गुप्ता के खिलाफ धारा 304 का मामला दर्ज करने के बाद परिजन शांत हुए। इसके बाद जाम खोल दिया। इसके बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला नागरिक अस्पताल ले गई। जड़ौला निवासी संजय कुमार ने बताया कि उसके परिवार के सदस्य निसिग में रहते हैं। छोटे भाई कुलदीप की नाक की हड्डी बढ़ी हुई थी। इसके ऑपरेशन को लेकर वे कैथल के अंबाला रोड पर स्थित निजी अस्पताल जयप्रकाश में ले आए। चिकित्सक ने बताया कि 21 सितंबर को कुछ टेस्ट करने के बाद ऑपरेशन कर दिया जाएगा। आज सुबह टेस्ट कराए गए। सभी टेस्ट की रिपोर्ट नॉर्मल थी। इसके बाद कुलदीप को ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया। आरोप लगाया कि ऑपरेशन थियेटर से कुलदीप को एक घंटे बाद लाया गया तो वह बेसुध था और दर्द से करहा रहा था। इस हालत में उसे देखा परिजनों ने चिकित्सक को देखने की बात कही, लेकिन चिकित्सक ने भरोसा दिलाया कि हालत में जल्द सुधार होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और उसके भाई की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रशासन उसे गुमराह करता रहा। परिजनों ने इस मामले में चिकित्सक की लापरवाही बताते हुए पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज करने की मांग करते हुए बाद में अस्पताल से शव लेकर छोटू राम चौक पर जाम लगा दिया।
अस्पताल के संचालक डॉ. अरविद गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन बिलकुल नॉर्मल हुआ है। मरीज के गले में मास लटक रहा था। आज ऑपरेशन करने के बाद उन्होंने उसकी रसोली भी निकाल दी थी, इसके बाद उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया था। कुछ देर बाद मरीज की दिल की धड़कन बंद हो गई थी। बाहर से फिजिशयन को कॉल कर भी बुलाया गया, लेकिन उन्हें दुख है कि वे मरीज को नहीं बचा सका। मरीज की मौत अचानक दिल की धड़कन बंद होने से हुई है। ऐसे केस बहुत कम होते हैं।
सिटी थाना एससचओ प्रदीप कुमार ने बताया कि मृतक युवक के भाई की शिकायत पर अस्पताल के संचालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम कराकर विसरा रिपोर्ट जांच के लिए भेजी जाएगी। रिपोर्ट मिलने के बाद मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।