सिलाई मशीन नहीं मिलने पर भड़कीं महिलाएं
जागरण संवाददाता, कैथल : जिला श्रम विभाग कार्यालय में जिला श्रम विभाग कार्यालय में सिलाई मशीन लेने के लिए चक्कर काट रही महिलाओं का मंगलवार को गुस्सा फूट पड़ा। सिलाई मशीन नहीं मिलने पर गुस्साई महिलाओं ने कार्यालय में ही रोष जताते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।
जागरण संवाददाता, कैथल : जिला श्रम विभाग कार्यालय में सिलाई मशीन लेने के लिए चक्कर काट रही महिलाओं का मंगलवार को गुस्सा फूट पड़ा। सिलाई मशीन नहीं मिलने पर गुस्साई महिलाओं ने कार्यालय में ही रोष जताते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद मुख्य मार्ग करनाल रोड पर एकत्रित होकर जाम लगा दिया। आधा घंटा तक जाम लगाने के बाद महिलाएं वापस घर लौट गई।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि मशीनों के वितरण में गोलमाल हो रहा है। विभागीय अधिकारी व कर्मचारी साठ-गांठ कर अपने चहेतों को ही मशीन दे रहे हैं। पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं, जिसकी जांच चल रही है।
पिछले साल हनुमान वाटिका में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें राज्य मंत्री नायब सैनी मुख्यातिथि थे। दलालों ने फर्जी तरीके से मजदूरों की कॉपी बना महिलाओं को सिलाई मशीन देने के लिए बुला लिया, लेकिन वहां मात्र 1000 महिलाओं को सिलाई मशीन दी गई, अन्य महिलाएं वापस लौटने पर मजबूर रही। इसी प्रकार अब फिर से महिलाओं को मशीनों को लेकर चक्कर काटने को मजबूर हैं।
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गांव से किराया लगाकर पहुंची है कार्यालय
महिला शकुंतला, रीटा, दर्शना, कमलेश, राजपति, शीला, बिमला ने बताया कि वे पिछले कई महीनों से श्रम विभाग कार्यालय के चक्कर काट रही हैं, लेकिन उन्हें मशीनें नहीं दी जा रही हैं। वे कई बार इसके लिए आवेदन कर चुकी हैं, लेकिन जब भी वे मशीन लेने के लिए विभाग में आती हैं तो उन्हें हर बार नया फॉर्म भरने के लिए कहा जाता है। हर बार उनके किराये के रूप में पैसे खर्च होते हैं और आवेदन करने पर भी 50 से 80 रुपये का खर्च आता है। मशीन की कीमत से ज्यादा पैसे तो उनके आने जाने व आवेदन भरने में ही खर्च हो चुके हैं।
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महिलाएं बोलीं, कार्यालय में घूमते हैं दलाल
महिलाओं का कहना था कि विभाग के कर्मचारी ठीक से किसी बात का जवाब भी नहीं देते हैं। जानकारी के लिए कार्यालय का नंबर तक देने से इनकार कर देते हैं। जब भी कार्यालय में पहुंचते हैं तो यहां कोई जानकारी देने वाला भी नहीं होता है। कार्यालय के बाहर व अंदर दलालों का बोलबाला है जो अनपढ़ व मजबूर लोगों से योजनाओं का लाभ दिलवाने नाम पर पैसे ठगने का काम करते हैं। वे लोग दिहाड़ी, मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार ने उन्हें भी नहीं छोड़ा।
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300 से 700 में बनवाई थी कापियां,
महिलाओं का कहना था कि एजेंट ने उनसे कॉपियां बनवाने के नाम पर 300 से 700 रुपये तक लिए थे। जबकि इसका सरकारी खर्च कुछ भी नहीं है। कॉपियां आने के बाद वे हर योजना के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन अब तक एक भी रुपया नहीं मिला है। जो कॉपी पर राशि खर्च की थी उसके पैसे भी अब तक नहीं मिले हैं।
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कर्मचारियों ने ठहराया
महिलाओं को ही दोषी
श्रम विभाग कार्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि सोमवार को ही 500 मशीन आई थी। मशीन उतारी ही जा रही थी कि महिलाएं मशीनें देने की जिद पर अड़ गई। महिलाओं को समझाया गया कि मशीनों को चेक करना है और उसके बाद रिकार्ड में भी चढ़ाना है, लेकिन महिलाएं देर सांय तक कार्यालय में खड़ी रही। मंगलवार सुबह फिर महिलाएं एकत्र हो गई और मशीन देने की जिद करने लगी। उन्होंने सभी महिलाओं को मशीन के लिए फार्म भरने व जमा करवाने के लिए कहा। साथ ही ये भी बताया कि मशीन बांटने के आदेश ऊपर से आएंगे उनके हाथ में कुछ नहीं है, लेकिन महिलाएं नहीं मानी और झगड़ा करने लगी और बाद में जाम लगा दिया।
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दो-दो बार पैसे ले चुकी हैं महिलाएं
विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि पहले महिलाओं को आवेदन के आधार पर मशीनें दे दी गई थी, लेकिन ऑनलाइन होने की वजह से महिलाओं की खाते में भी पैसे डाल दिए गए। ऐसे कई केस सामने आए जिनके खाते में मशीन के पैसे भी आ चुके थे और विभाग से मशीन भी ले चुके थे। इस बार ऐसी गलती ना हो इसलिए आवेदनों की जांच की जाएगी।