अव्यवस्था की भेंट चढ़ी ग्रामीण महिला खेलकूद प्रतियोगिता
महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से करवाई गई ग्रामीण महिला खेलकूद प्रतियोगिता अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई। प्रतियोगिता के आयोजन से पूर्व किसी प्रकार की तैयारी नहीं की गई। महाराजा सूरजमल जाट खेल स्टेडियम में हुई इस प्रतियोगिता में किसी भी प्रकार की तैयारी न होने से प्रतिभागियों को मजबूरन गीले ट्रैक पर ही दौड़ना पड़ा।
जागरण संवाददाता, कैथल :
महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से करवाई गई ग्रामीण महिला खेलकूद प्रतियोगिता अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई। प्रतियोगिता के आयोजन से पूर्व किसी प्रकार की तैयारी नहीं की गई। महाराजा सूरजमल जाट खेल स्टेडियम में हुई इस प्रतियोगिता में किसी भी प्रकार की तैयारी न होने से प्रतिभागियों को मजबूरन गीले ट्रैक पर ही दौड़ना पड़ा।
सुबह 11 बजे से लेकर करीब दो घंटे तक चली प्रतियोगिता के दौरान छह अलग-अलग स्पर्धाएं करवाई गई, जिनमें से तीन प्रतियोगिताएं मात्र खानापूर्ति के रूप में हुई। आधे ट्रैक पर पानी भरा रहा, जहां पानी नहीं था, उसमें भी काफी नमी थी। इसके अलावा खेलों में हिस्सा लेने वाली महिलाएं भी निर्णायकों की ओर से घोषित किए गए परिणामों से असंतुष्ट नजर आई।
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ट्रेक गीला होने से फिसल
कर गिरी महिलाएं :
दौड़ का ट्रैक गीला होने के कारण कई महिलाएं मटका दौड़ में ही फिसल कर गिर गई। इस पर महिलाओं ने रोष जताया व कहा कि अगर प्रतियोगिता करवानी ही थी तो कम से कम ट्रैक तो सुखा लेते या फिर किसी ओर जगह को चुनते। एक या दो दिन बाद भी स्पर्धाएं हो सकती थी।
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प्रतियोगिता के परिणामों से
संतुष्ट नहीं दिखे प्रतिभागी :
निर्णायकों की ओर से जारी किए गए प्रतियोगिता के परिणाम से भी प्रतिभागी संतुष्ट नहीं हुए। गांव रोहेड़िया से 100 मीटर दौड़ में भाग लेने वाली महिला कृष्णा देवी ने कहा कि उसने दौड़ में दूसरे नंबर पर निर्धारित दूरी का तय किया, लेकिन उसके बाद में आई महिला को द्वितीय घोषित किया गया। वह मटका दौड़ में भी अन्य प्रतिभागियों से आगे रही, लेकिन उसके परिणाम में भी पूरी पारदर्शिता नहीं बरती गई।
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250 मीटर में ही समेट
दी 400 मीटर दौड़ :
ट्रैक पर पानी भरा होने के कारण 400 मीटर दौड़ को मात्र 250 से 300 मीटर के बीच समेट दिया गया। प्रतिभागी इंडोर स्टेडियम के पास बने स्टार्टिंग पाइंट से लेकर स्टेडियम के गेट तक ही दौड़े। उन्हीं में से प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान घोषित कर दिया गया। वहीं पानी होने के कारण साइकिल दौड़ में भी इस बार प्रतिभागियों की संख्या कम रही। केवल पांच लड़कियां ही साइकिल रेस में शामिल हुई।