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गेहूं की खरीद शुरू होने के साथ मंडी में पेयजल संकट

मंडी में गेहूं की खरीद का कार्य शुरू होने के साथ पेयजल संकट पैदा हो रहा है। सोमवार को दोपहर से पहले मंडी में रखे पेयजल के टैंक में पानी खत्म हो गया। काम करने वाले मजदूरों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ा। मजदूर पानी लेने के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय में लगे वाटर कूलर के चक्कर काटते नजर आए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 10:58 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:40 AM (IST)
गेहूं की खरीद शुरू होने के साथ मंडी में पेयजल संकट
गेहूं की खरीद शुरू होने के साथ मंडी में पेयजल संकट

जागरण संवाददाता, कैथल :

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मंडी में गेहूं की खरीद का कार्य शुरू होने के साथ पेयजल संकट पैदा हो रहा है। सोमवार को दोपहर से पहले मंडी में रखे पेयजल के टैंक में पानी खत्म हो गया। काम करने वाले मजदूरों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ा। मजदूर पानी लेने के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय में लगे वाटर कूलर के चक्कर काटते नजर आए। उन्होंने कहा कि हर बार मंडी में इस तरह की समस्या पैदा होती है। अभी तक तो मंडी में गेहूं ज्यादा नहीं पहुंचा है। जब गेहूं ज्यादा आ जाएगी और यहां से निकलने के लिए रास्ता नहीं मिलेगा, तब समस्या और भी ज्यादा हो जाएगी। अधिकारियों को पहले से ही इसके लिए अतिरिक्त प्रबंध करने चाहिए। वहीं पिछले दो दिन से मंडी में फसल लेकर पहुंचे किसानों ने बताया कि मंडी में केवल एक ही एजेंसी खरीद कर रही है। एक दिन में कम से कम दो एजेंसियों को खरीद करनी चाहिए ताकि फसल यहां से उठती रहे और जाम की स्थिति पैदा न हो। इससे किसान भी अपनी फसल की बिक्री कर सीजन से जुड़े अन्य कार्य कर सकेंगे।

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फसल में नमी बताकर ढेरियों

को छोड़ देते अधिकारी :

मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे किसानों ने बताया कि खरीद एजेंसियों के अधिकारी फसल की ढेरियों को देखने के लिए आते तो हैं, लेकिन उसमें नमी की मात्रा ज्यादा बताकर ढेरियों को ऐसे ही छोड़ देते हैं। दिन रात उन्हें फसल बिकने के इंतजार में यहीं रहना पड़ता है। कभी ढेरियों को फर्श पर बिछाते हैं तो कभी फिर से इसे इकट्ठी कर रहे हैं।

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11 बजे ही समाप्त हो गया पानी

मंडी में काम करने वाले गांव चंदाना निकासी मजदूर नरसी ने बताया बताया कि आज सुबह करीब 11 बजे ही पेयजल के टैंक से पानी खत्म हो गया था। अब एक मजदूर को पानी लाने के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय में भेजा है। उसके आने के बाद पानी पीकर कार्य शुरू करेंगे। इससे उनका काम भी प्रभावित हो रहा है।

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मंडी पूरी भरने पर होती ज्यादा दिक्कत :

शक्तिनगर से मंडी में काम करने पहुंचे मजदूर जीत सिंह ने बताया कि अभी मंडी की सड़कें खाली है। जब मंडी पूरी तरह से भर जाती है तो उन्हें मार्केट कमेटी से पानी लाने में भी दिक्कत होती है। उस समय मजदूर भी ज्यादा होते हैं और पानी की लागत भी ज्यादा होती है। यहां से निकलने को भी रास्ता नहीं मिल पाता।

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दो दिन से कर रहे इंतजार :

गेहूं लेकर मंडी पहुंचे किसान गोबिदपुरा के बलविद्र सिंह ने बताया कि वह पिछले दो दिनों से फसल बिकने का इंतजार कर रहा है। पहले तो एजेंसियों ने फसल में नमी बता दी, लेकिन अब सुबह से कोई देखने के लिए भी नहीं आया। कब तक खरीद होगी इस बारे में भी नहीं कह सकते।

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एक एजेंसी के खरीद करने

से बनी समस्या :

गांव प्योदा से फसल लेकर पहुंचे किसान पहले सभी एजेंसियां एक साथ खरीद करती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं किया जा रहा। एक एजेंसी के खरीद करने के कारण भी इंतजार ज्यादा करना पड़ रहा है। एक दिन में दो या इससे ज्यादा एजेंसियों को खरीद का कार्य करना चाहिए। जल्द ही मंडी में जाम की स्थिति पैदा हो जाएगी।

बॉक्स: कमेटी के अधिकारियों को अवगत कराएंगे

मार्केट कमेटी सचिव दलेल सिंह ने बताया कि मंडी में सुबह ही सारे टैंक पानी से भरवा दिए जाते हैं। अगर फिर भी कहीं किसानों या मजदूरों को किसी प्रकार की दिक्कत आ रही है तो वे कमेटी के अधिकारियों को इस बारे अवगत करवाएं। उनकी हर तरह की समस्या का प्रमुखता से समाधान करवाया जाएगा।

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