तेज हवा के साथ बरसे मेघ खेतों में बिछ गई फसलें
बुधवार शाम आसमान में अचानक उठी काली घटाएं राहत से ज्यादा आफत अपने साथ लेकर आई। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश हुई, जिससे धान की फसल को नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान 1509 किस्म को हुआ है जो खेतों में पककर तैयार हो चुकी है। अब धान की इस किस्म में कटाई में देरी के साथ ही पैदावार भी प्रभावित होने के आसार हैं। इसके अलावा धान की अन्य किस्में भी जो बाली ले चुकी हैं, वह बारिश के साथ आई तेज हवा के साथ खेतों में बिछ गई। किसान टेक चंद, बल¨वद्र ¨भडर, सुरेश, सतीश, संदीप पूनिया, राजेश ने बताया कि बारिश का इस समय कोई फायदा नहीं है। कुछ फसलें पककर तैयार हैं, कुछ पकने की कगार पर हैं, जिनमें बारिश के कारण नुकसान ही होगा। गर्मी से दिलाई राहत। पिछली कई दिनों से उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान किया हुआ था। जिले के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश हुई, वहीं कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी रही।
जागरण संवाददाता, कैथल : बुधवार शाम आसमान में अचानक उठी काली घटाएं राहत से ज्यादा आफत अपने साथ लेकर आई। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश हुई, जिससे धान की फसल को नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान 1509 किस्म को हुआ है जो खेतों में पककर तैयार हो चुकी है। अब धान की इस किस्म में कटाई में देरी के साथ ही पैदावार भी प्रभावित होने के आसार हैं। इसके अलावा धान की अन्य किस्में भी जो बाली ले चुकी हैं, वह बारिश के साथ आई तेज हवा के साथ खेतों में बिछ गई।
किसान टेक चंद, बल¨वद्र ¨भडर, सुरेश, सतीश, संदीप पूनिया, राजेश ने बताया कि बारिश का इस समय कोई फायदा नहीं है। कुछ फसलें पककर तैयार हैं, कुछ पकने की कगार पर हैं, जिनमें बारिश के कारण नुकसान ही होगा।
गर्मी से दिलाई राहत
पिछली कई दिनों से उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान किया हुआ था। जिले के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश हुई, वहीं कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी रही। बारिश होने के साथ ही ठंडी हवा चलने से मौसम सुहावना हो गया और लोगों को गर्मी से निजात मिली।
कैथल में 07, गुहला में 04 एमएम हुई बरसात
मौसम विभाग के अनुसार साढे पांच बजे तक कैथल में 7 और गुहला में चार एमएम बारिश हुई। कैथल और गुहला क्षेत्र में ही धान की रोपाई ज्यादा की जाती है। दोनों क्षेत्रों में नुकसान का अनुमान है। इसके अलावा पूंडरी क्षेत्र में बारिश से धान की फसल को नुकसान हुआ है।
अगले 48 घंटे हो सकती है बूंदाबांदी : डॉ. जसबीर
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. जसबीर ¨सह ने बताया कि बारिश के साथ ही तेज हवा के कारण धान की फसल को नुकसान हुआ है। अगले 48 घंटे तक बूंदाबांदी की संभावना है। जिससे धान की फसल में नुकसान होने का अनुमान है।