नेती जी की फौज के सैनिक की विधवा को किया सम्मानित
संवाद सहयोगी, पूंडरी: नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर तहसीलदार सुदेश मैहरा ने मंगलवार
संवाद सहयोगी, पूंडरी: नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर तहसीलदार सुदेश मैहरा ने मंगलवार को गांव फतेहपुर में आजाद ¨हद फौज के सिपाही रहे चौधरी धन ¨सह की विधवा सरबती देवी को शाल भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी धन ¨सह के परिजनों से कहा कि जो सेवा उन्होंने देश के लिए की है, इसके लिए पूरा देश उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने परिजनों से कहा कि यदि उन्हें कोई तहसील या प्रशासनिक स्तर का कार्य हो तो वे उनसे मिले उस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। इस मौके पर स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र रणधीर ¨सह ने बताया कि उनके पिता नेता जी की फौज में रहे और ¨सगापुर में ट्रे¨नग करने के दौरान जब वे 3000 सैनिकों की टुकड़ी के साथ वापस लौट रहे थे तो उन्हें अंग्रेजों ने बंधक बना लिया और काले पानी ले गए। तब अंग्रेजों ने शर्त रखी की या तो सुभाष चंद्र बोस को हमें सौंप दो, नहीं तो सभी सैनिकों को मार दिया जाएगा। तब नेता जी अंग्रेजों की शर्त मानते हुए यहां से चले और वहां से सभी सैनिकों की रिहाई हुई थी। नेता जी की सेना तो यहां पहुंच गई, लेकिन उसके बाद नेता जी का कुछ पता नहीं चला। उन्होंने बताया कि उनके पिता पुलिस की नौकरी में हवलदार भी रहे और करीब 75 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया। इस मौके पर कानूनगो मनजीत ¨सह, पटवारी जागर ¨सह, कष्ट निवारण समिति सदस्य प्रेम धीमान व कपिल वालिया मौजूद थे।
गांव बुढ़ा खेड़ा में युवा सभा ने मनाई सुभाष चंद्र बोस की जयंती
जागरण संवाददाता, कैथल : डॉ. भीमराव अंबेडकर युवा सभा की ओर से गांव बुढ़ा खेड़ा में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता युवा सभा के प्रधान सेवा राम ने की। सेवाराम ने कहा कि 23 जनवरी 1897 को नेताजी का जन्म हुआ था। उन्हीं की याद में आज सभा आयोजित की गई है। नेताजी ने भारतवर्ष को आजादी दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भमिका निभाई थी। नेताजी से प्रेरणा लेकर हमें उनके पदचिह्नों पर चलना चाहिए, क्योंकि उनके जैसी महान हस्तियों की बदौलत ही आज हम आजादी की सांस ले रहे हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम सरकार के साथ मिलकर देश को सु²ढ़ बनाने में अपना सहयोग दें। इस अवसर पर प्रेमचंद, इंद्र कुमार, दिलबाग, बिरमल, सोमबीर, अमित, दशरथ, नौरंग कुमार, अजमेर, कर्मजीत, बलबीर, नरेश और सुमित मौजूद थे।