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वोट फीसद बढ़ाने को तकनीक का सहारा ले चुनाव आयोग

जागरण संवाददाता कैथल दैनिक जागरण कार्यालय में हर वोट कुछ कहता है अभियान के तहत पै

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 06:16 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:16 AM (IST)
वोट फीसद बढ़ाने को तकनीक  का सहारा ले चुनाव आयोग
वोट फीसद बढ़ाने को तकनीक का सहारा ले चुनाव आयोग

जागरण संवाददाता, कैथल : दैनिक जागरण कार्यालय में हर वोट कुछ कहता है अभियान के तहत पैनल डिस्कशन करवाई गई। कार्यक्रम में शिक्षण संस्थाओं से जुड़े, वकील व कई बुद्धिजीवियों ने अपनी बातें रखी। वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए सब ने बदलते दौर के साथ चुनाव आयोग से तकनीक का सहारा लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आज जब सब कार्य मोबाइल से संभव हैं तो फिर मतदान असंभव क्यों हैं। बैंक से पैसे का लेनदेन आज मोबाइल से हो रहा, बिल भरना हो, रिचार्ज करना हो या अन्य कोई भी काम सब तकनीक से हो रहे हैं तो मतदान भी संभव है। इस दिशा में काम करने की जरूरत है। आज देश का युवा तकनीक से कदमताल कर रहा है। हमें उसके अनुसार ही व्यवस्था को बदलना होगा। बुद्धिजीवियों ने अन्य विकल्पों पर भी अपनी राय रखी।

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बॉक्स : मतदान के प्रति हों जागरूक

आरकेएसडी कॉलेज में राजनीतिक विज्ञान के सहायक प्रो. अशोक अत्री ने कहा कि आज सिर्फ गरीब व मजदूर लोग मतदान नहीं करते ऐसा नहीं है। इनसे तो मतदान करवा लिया जाता है, लेकिन उच्च वर्ग के लोग मतदान करना जरूरी नहीं समझते हैं। उन्हें कतारों में लगना मुश्किल लगता है और कई अन्य कारण भी हैं। हमें इन्हें नई व्यवस्था देने की जरूरत है। हमें युग के साथ बदलना होगा।

बॉॅक्स : मोबाइल वैन के माध्यम से कराएं मतदान

जाट हाई स्कूल सोसायटी के महासचिव व सेना से रिटायर्ड डॉ. शमशेर ढुल का कहना है कि सौ प्रतिशत मतदान करवाना है तो वोटर चुनाव आयोग तक नहीं, बल्कि चुनाव आयोग वोटर तक पहुंचे। उन्हें मोबाइल वैन व अन्य माध्यमों से मौके पर जाकर मतदान करवाया जाए। जागरूकता अभियान से फर्क तो पड़ रहा है, लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए। हमें व्यवस्था में भी बदलाव करना होगा।

बॉक्स: तय हो उम्मीदवारों की जिम्मेदारी

सीनियर एडवोकेट जय प्रकाश जागलान का मानना है कि वोट बहुत जरूरी है, लेकिन इसके अच्छे उम्मीदवार और उनकी जिम्मेदारी फिक्स नहीं होने से मतदाता हताश है। उसे समझ नहीं आ रहा है कि वे किसके लिए मतदान करे। हमें मतदान के साथ साथ हमारी चुनावी व्यवस्था में भी बदलाव करने की जरूरत है। उम्मीदवार के लिए भी नियम में आज बदलाव की जरूरत है। बॉक्स: टीवी पर बहस करे और वोट मांगें

प्रगतिशील किसान अंग्रेज सिंह गुराया का मानना है कि चुनाव पर होने वाला भारी भरकम खर्च आज करने की जरूरत नहीं है। आज तकनीक अपने चरम पर है और सोशल मीडिया का जमाना है। हमारे नेता टीवी पर हमारे सामने बहस और चर्चा करें और अपने लिए वोट मांगें। रैलियों पर होने वाले करोड़ों रुपये के खर्च को देश के विकास में लगाया जा सकता है। इससे मतदाता को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।

बॉक्स: मतदान बहुत जरूरी

राजकीय कॉलेज में सहायक प्रो. डॉ. अभिषेक गोयल का कहना है मतदान बहुत जरूरी है। आज देश के विभिन्न हिस्सों में मतदान का प्रतिशत 60 और 65 प्रतिशत तक सिमट रहा है। जबकि प्रचार प्रसार पर भारी भरकम खर्चा किया जाता है। इसके लिए चुनाव आयोग को कुछ कदम भी उठाने की जरूरत है, ताकि मतदान प्रतिशत को बढ़ाया जा सके।

बॉक्स: जागरूकता अभियान अच्छी पहल

महिला सशक्तीकरण समिति की प्रधान अंजू आर्या का कहना है कि दैनिक जागरण मतदाता को जागरूक करने के लिए बहुत अच्छी पहल कर रहा है। इस तरह का अभियान उनकी संस्था भी महिलाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए चला रही है। आज भी महिलाएं पति या परिवार के दबाव में मतदान करती हैं। महिलाओं को मतदान के साथ ही राजनीति में भी अपनी पहचान बनानी होगी।

बॉक्स: सही प्रत्याशी को करें वोट

गांव रोहेड़यिा के सरपंच रामफल सैनी का कहना है कि मतदान बहुत जरूरी है। देशहित में आगे बढकर मतदान करें। किसी के दबाव में न आकर सही और ईमानदारी प्रत्याशी को वोट करें, ताकि स्वार्थ की राजनीति करने वालों को वोट के महत्व का पता चल सके।


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