फिरोजपुर में पानी निकासी की समस्या से ग्रामीण परेशान
सीवन खंड मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर स्थित गांव फिरोजपुर में पानी निकासी की समस्या से ग्रामीण परेशान है। इसके साथ ही गांव में मूलभूत सुविधाओं का भी काफी अभाव है। यहां पर सफाई व्यवस्था बदहाल है।
जागरण संवाददाता, कैथल : सीवन खंड मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर स्थित गांव फिरोजपुर में पानी निकासी की समस्या से ग्रामीण परेशान है। इसके साथ ही गांव में मूलभूत सुविधाओं का भी काफी अभाव है। यहां पर सफाई व्यवस्था बदहाल है। नालियों की सफाई नहीं हो रही है। जिस कारण जलभराव हो रहा है। बरसात के मौसम में तो और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। जगह- जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हुए है। ग्रामीणों का कहना है कि समस्याओं को लेकर प्रदर्शन भी किया गया है। परंतु इसके समाधान को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस समस्या का समाधान न होने की स्थिति में यह बीमारियों के फैलने का भय बना हैं। काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
गंदगी और पानी की निकासी गंभीर समस्या :
ग्रामीण चौधरी बलजीत ने कहा कि गांव में फैली गंदगी और पानी की निकासी न होने के कारण गांव की स्थिति बदहाल है। थोड़ी सी बरसात में ही गांव के मुख्य चौक और अन्य गलियों में जलभराव की स्थिति बन जाती है। जलभराव की समस्या अब पुरानी हो चुकी है। इस समस्या पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं होता दिख रहा। जिला प्रशासन से अपील है कि गांव में पनप रही समस्याओं को जल्द दूर करें।
गंदगी की समस्या से भी परेशानी :
ग्रामीण नन्हा राम ने कहा कि गांव में पानी निकासी की समस्या के गंदगी की समस्या से परेशनी होती है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत ने अपने स्तर पर गांव में कई विकास कार्य जरूर करवाए हैं। परंतु बावजूद इसके सफाई और पानी निकासी की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। जिला प्रशासन समस्या को देखते हुए इसका जल्द समाधान करें।
गांव को निर्मल गांव का दर्जा
स्थिति फिर भी बदतर :
ग्रामीण बलजीत फिरोजपुर ने बताया कि सरकारी कागजों के मुताबिक उनके गांव को निर्मल गांव का दर्जा दिया गया है, लेकिन स्थिति इससे विपरित है। यहां पर पानी की निकासी की समस्या पिछले काफी महीनों से है। रही कसर बरसात निकाल देती है। यदि बरसात हो जाए तो स्थिति और अधिक खराब हो जाती है। गांव में पानी की निकासी की समस्या का स्थायी समाधान नहीं होने पर ग्रामीणों को मजबूरन प्रदर्शन करना पड़ता है।
यह है गांव की इतिहास :
गांव की करीब दो हजार की आबादी है। जबकि गांव में कुल 1100 वोट हैं। यहां पर 70 प्रतिशत से अधिक लोग साक्षर हैं। ग्रामीणों के अनुसार इस गांव में बसे करीब 500 साल हो चुके हैं। यहां मुगलों के साम्राज्य में फिरोज खान के एक व्यक्ति ने गांव में रहना शुरू किया था। इसके बाद से यह गांव के रूप में बसा। इसके बाद से यहां पर कई लोग बसे।
किया जाएगा स्थायी समाधान
गांव में पानी निकासी का जल्द समाधान करवा दिया जाएगा। ताकि ग्रामीणों को परेशानी न झेलनी पड़े। गंदे पानी की निकासी के लिए पाइप लाइन दबाकर पानी निकासी का प्रबंध किया गया है। परंतु बरसात के मौसम के कारण थोड़ी परेशानी हो जाती है। इसको लेकर स्थायी रूप से समाधान तलाशा जा रहा है।
रोजी, खंड एवं विकास पंचायत अधिकारी, सीवन।