सीवर लाइन डालने को तोड़ी गलियां दो वर्ष बीते, काम आज भी अधूरा
सीएम मनोहर लाल के गोद सीएम मनोहर लाल के गोद लिए गांव क्योड़क में जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व ठेकेदार की मनमानी से ग्रामीण परेशान है। मुख्यमंत्री ने 2015 में करीब 18 करोड़ रुपये से गांव में सीवरेज लाइन बिछाने व सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की घोषणा की थी। 2016 में सीवर लाइन का काम शुरूतो हो गया, लेकिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आज भी गांव में सीवरेज से संबंधित 30 से 40 प्रतिशत काम लंबित पड़ा है। गांव की सभी गलियां सीवरेज लाइन डालने के लिए तोड़ दी गई हैं। जहां लाइन डाली जा चुकी हैं वहां गलियों से निकलना दुर्भर हो गया है।
जागरण संवाददाता, कैथल : सीएम मनोहर लाल के गोद लिए गांव क्योड़क में जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व ठेकेदार की मनमानी से ग्रामीण परेशान है। मुख्यमंत्री ने 2015 में करीब 18 करोड़ रुपये से गांव में सीवरेज लाइन बिछाने व सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की घोषणा की थी। 2016 में सीवर लाइन का काम शुरूतो हो गया, लेकिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आज भी गांव में सीवरेज से संबंधित 30 से 40 प्रतिशत काम लंबित पड़ा है। गांव की सभी गलियां सीवरेज लाइन डालने के लिए तोड़ दी गई हैं। जहां लाइन डाली जा चुकी हैं वहां गलियों से निकलना दुर्भर हो गया है।
तोड़ी गई गलियों से निकली मिट्टी नालियों में जमा होने से निकासी व्यवस्था ठप हो गई है और घरों सहित बारिश का पानी गलियों में जमा हो चुका है। गलियों में बने कीचड़ से ग्रामीणों को आने जाने में परेशानी उठानी पड़ रही है।
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यहां नहीं डाला गया सीवरेज
अधिकारियों का दावा है कि 90 प्रतिशत सीवरेज लाइन बिछ चुकी है, लेकिन सच्चाई यह है कि जूसी पट्टी के 40 प्रतिशत एरिया में सीवरेज लाइन नहीं डाली गई है। कश्यप बस्ती गामड़ी में तो काम भी शुरू नहीं हो पाया है। दयौरा रोड पर भी काम शुरू नहीं हो सका है। जहां काम पूरा हो चुका है वहां सौ प्रतिशत क्षेत्र में घरों के कनेक्शन नहीं किए गए हैं। घरों के कनेक्शन के समय विभाग हर घर में मेन हाल भी बनाएगा, जिनका अब तक डिजाइन भी फाइनल नहीं हुआ है। सीवरेज लाइन जहां डाली गई है वहां 80 प्रतिशत क्षेत्र में मिट्टी समतल करने व पेवर ब्लॉक लगाने का कार्य नहीं हो पाया है। सीवरेज ट्रीटमेंट के तो अभी टेंडर भी नहीं हो पाए हैं। पानी निकासी की अस्थाई व्यवस्था के लिए भी अभी तक काम शुरु नहीं हो पाया है।
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नहीं दिए जा रहे कनेक्शन
ग्रामीण जयकिशन ने बताया कि रविदास मंदिर के नजदीक सबसे पहले सीवरेज डाला गया था। दो साल बाद भी घरों के कनेक्शन सीवरेज से नहीं जोड़े जा सकें हैं। जगह जगह पेयजल की लाइन भी तोड़ दी गई है, जिससे पानी रिस रहा है।
बॉक्स : उखाड़ी गई गली में नहीं की गई समतल, न पावर ब्लाक लगाए गए
ग्रामीण सोमा ने बताया कि टीक रोड के नजदीक मुख्य गली में सीवरेज तो डाल दिया गया है, लेकिन उखाड़ी गई गली पर ना तो मिट्टी समतल की गई है और ना ही पेवर ब्लॉक दोबारा लगाए गए हैं। उबड़ खाबड़ मिट्टी होने से गली में कीचड़ है। बारिश के दिन में तो गली तालाब जैसी बन जाती है।
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रोजाना आते हैं ग्रामीण समस्या लेकर
सरपंच बलकार आर्य का कहना है कि रिपेयर का कार्य साथ साथ नहीं होने से निकासी ठप हो चुकी है। गलियों में जगह जगह मिट्टी पड़ी है। रोजाना ग्रामीण उनके घर समस्या लेकर आते हैं। अधिकारी सख्ती दिखाएं और स्वयं खड़े होकर कार्य करवाएं तो ग्रामीणों को राहत मिल सकती है। पूरा कार्य जन स्वास्थ्य विभाग के अधीन है, इसलिए पंचायत कुछ कर भी नहीं पाती है।
वर्जन : 31 मार्च तक दे दिए जाएंगे कनेक्शन
जल्द ही लाइन बिछाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। घरों में बनने वाले मेन हाल का डिजाइन तैयार है। एक दो दिन में घरों में मेनहाल बनाने का कार्य भी शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि 31 मार्च से पहले पहले पूरे गांव के कनेक्शन सीवरेज लाइन में कर दिए जाएंगे।
- वीके गुप्ता, एक्सईएन जन स्वास्थ्य विभाग कैथल। --------------