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जरूरत के अनुसार ही करें जल का उपयोग

दैनिक जागरण की तरफ से मंगलवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर राजकीय कॉलेज में आधा गिलास पानी अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज प्रिसिपल डॉ. ऋषिपाल बेदी ने की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 09:45 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 06:32 AM (IST)
जरूरत के अनुसार ही करें जल का उपयोग
जरूरत के अनुसार ही करें जल का उपयोग

जागरण संवाददाता, कैथल : दैनिक जागरण की तरफ से मंगलवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर राजकीय कॉलेज में आधा गिलास पानी अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज प्रिसिपल डॉ. ऋषिपाल बेदी ने की। कॉलेज स्टाफ सदस्यों ने कॉलेज में पहली कटऑफ लिस्ट देखने के लिए पहुंचे विद्यार्थियों को जल सरंक्षण का संदेश दिया। वहीं, कॉलेज के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को स्टाफ या अन्य अतिथियों को आधा गिलास पानी सर्व करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण की यह एक अच्छी पहली है। कॉलेज में आने वाले अतिथियों को आधा गिलास पानी देकर जल बचाने का संदेश दें। कॉलेज स्टाफ प्रो. अभिषेक गोयल, विरेंद्र खटकड़, अमित पाहवा, पूनम, अमित पाहवा, सीमा, जसपाल मलिक, सुशील कुमार, नवीन वर्मा ने कहा जल को बचाने के लिए दैनिक जागरण समाचार पत्र ने जो अभियान चलाया है, यह बहुत ही सराहनीय है। इससे जुड़ते हुए लोगों को जल बचाने के लिए आगे आना चाहिए। आज के दौर में जल की बर्बादी काफी हो रही है, जो आने वाली पीढि़यों के लिए ठीक नहीं है। अगर अभी से जल की बर्बादी को नहीं रोका गया तो, वह दिन दूर नहीं जब हमें पानी पीने को भी नहीं मिलेगा। इसलिए आज से ही सभी शपथ लेते हुए जल को बचाने के लिए आगे आएं। अपने परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों यहां तक की रिश्तेदारों को भी दैनिक जागरण की इस मुहिम से जोड़े।

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जीवन में जल का विशेष महत्व : बेदी

प्रिसिपल डॉ. ऋषिपाल बेदी ने कहा कि जीवन में जल का बहुत बड़ा महत्व है। जल को बचाने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा। जल का कम से कम प्रयोग करें। इतना ही पानी नहाने, पीने या अन्य कामकाज के लिए लें जितने की जरूरत हो। ऐसा सोचकर ही हम जल को बचा सकेंगे। लोग वाहन धोते समय काफी पानी बर्बाद कर देते हैं, जो गलत है। ऐसा न करके जल की बचत की तरफ ध्यान दें। दैनिक जागरण ने जल बचाने को लेकर जो पहल शुरू की है, वही काफी सराहनीय है। जल है तो कल है, इस महत्व को समझते हुए जल को बचाने के लिए आगे आएं। किसान भी ऐसी फसलों की खेती करें जिनमें पानी लागत कम से कम हो।


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