बच्चे को गलत दवाई देने पर दो फार्मासिस्टों पर गिरी गाज, अस्पताल से हटाकर फील्ड में भेजा
कौशिक नगर निवासी विकास के 10 माह के बेटे पर्व को दस्त रोकने की दवाई की जगह नींद की गोली थमाने के मामले में नागरिक अस्पताल के दो फार्मासिस्टों पर गाज गिरी है।
जागरण संवाददाता, जींद : कौशिक नगर निवासी विकास के 10 माह के बेटे पर्व को दस्त रोकने की दवाई की जगह नींद की गोली थमाने के मामले में नागरिक अस्पताल के दो फार्मासिस्टों पर गाज गिरी है। जांच कमेटी ने फार्मासिस्ट योगेंद्र व राजेश को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट मिलते ही सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान ने योगेंद्र को अलेवा पीएचसी व राजेश को दनौदा पीएचसी पर दो माह की डेपुटेशन पर भेज दिया। डीजी हेल्थ को रिपोर्ट भेजकर दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. जेके मान व एमएस डॉ. गोपाल गोयल व डिप्टी एमएस डॉ. राकेश शर्मा की गठित कमेटी की जांच में सामने आया कि बच्चे के इलाज में डॉक्टर द्वारा सही दवाई लिखी गई थी, लेकिन दवा काउंटर पर ट्रेनी फार्मासिस्टों द्वारा एंटीबायोटिक दवा की जगह नींद नहीं आने पर प्रयोग होने वाली दवा दे दी। इस दवाई से पर्व गहरी नींद में सो गया। जब स्वजन उसे निजी अस्पताल में लेकर गए तो नींद की गोली देने का मामला सामने आया।
इलाज के बाद बच्चे को करीब 36 घंटे बाद नींद खुली। गलत दवाई देने पर बच्चे के स्वजनों ने सोमवार को लिखित शिकायत दी थी। इस पर सिविल सर्जन ने जल्द जांच करने के आदेश दिए थे। कमेटी ने एक ही दिन में जांच करके शुक्रवार देर शाम सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंप दी। इस पर मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान ने कार्रवाई कर दी।
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ट्रेनी फार्मासिस्टों के सहारे चल रहा था दवाई काउंटर
कमेटी की जांच के दौरान सामने आया कि बच्चे को गलत दवाई देने के दिन फार्मासिस्ट योगेंद्र व राजेश दोनों ही ड्यूटी पर थे, लेकिन दवाइयों का वितरण का पूरा कार्य ट्रेनी फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा था। ट्रेनी फार्मासिस्ट मरीजों को क्या दवाई दे रहे हैं इस पर किसी की नजर नहीं थी। दोनों ही फार्मासिस्ट दवाइयों का वितरण नहीं कर रहे थे। कमेटी ने दोनों की इस लापरवाही के चलते उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
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काउंटर से दवाई लेने के बाद डॉक्टर को दिखानी होगी
गलत दवाई वितरण करने का मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान ने आदेश दिए कि काउंटर से दवाई लेने के बाद दोबारा डॉक्टर को दिखानी होगी, ताकि गलत दवाई देने की आशंका खत्म हो सके। कई बार देखने में आता है कि डॉक्टर ने जो साल्ट लिखा है उसे समझ नहीं पाने में मरीज को गलत दवाई थमा दी जाती है। जो मरीज को फायदा करने की बजाए नुकसान कर जाती है। -----------
नर्सिंग स्टाफ नहीं करेगा दवाइयों का वितरण
सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान ने आदेश जारी किए हैं कि किसी भी काउंटर पर दवाई वितरण नर्सिंग स्टाफ द्वारा नहीं किया जाएगा। दवाइयों का वितरण फार्मासिस्टों द्वारा ही किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में ही नर्सिंग स्टाफ की दवाई वितरण में सहायता ली जा सकती है। अक्सर देखने में आता है कि नर्सिंग स्टाफ के अलावा नर्सिंग छात्राओं को भी इस कार्य में लगा दिया जाता है।