बैंकों की हड़ताल से लेन देन ठप, लोग हलकान
जागरण संवाददाता, कैथल : युनाइटेड फोरम ऑफ यूनियन के बैनर तले मंगलवार को राष्ट्रीयकृत
जागरण संवाददाता, कैथल :
युनाइटेड फोरम ऑफ यूनियन के बैनर तले मंगलवार को राष्ट्रीयकृत बैंक कर्मचारियों ने कामकाज ठप रखते हुए हड़ताल की। शादियों का सीजन होने के कारण बैंकों का हड़ताल होने के कारण लोग बिना कैश के ही लौटने पर मजबूर रहे। वहीं एटीएम से भी लोगों को राहत नहीं मिल पाई।
एक्सीस बैंक के एटीएम में कैश लेने के लिए दिनभर लोगों की लंबी कतार लगी रही। बैंकों की हड़ताल के बारे में लोगों को पहले कोई जानकारी न होने के कारण दूर-दराज से लेनदेन के लिए बैंकों में पहुंचे, लेकिन जब दस बजे तक भी बैंक नहीं खुले तो लोगों की ¨चता बढ़ गई। बिना नकदी के ही लोग वापस लौटने पर मजबूर हो गए।
200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब 200 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित रहा। यूनियन के क्षेत्रिय सचिव कृष्ण मिगलानी ने बताया कि स्टेट बैंक पटियाला, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, विजय बैंक, इलाहाबाद बैंक सहित करीब 25 बैंकों की शाखाओं के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। रोजाना इन बैंकों में 200 करोड़ रुपये का लेनदेन होता है।
एसबीआइ बैंक के बाहर
किया प्रदर्शन
युनाइटेड फोरम आफ यूनियन के बैनर तले कर्मचारी कामकाज का बहिष्कार कर करनाल रोड स्थित एसबीआइ बैंक के बाहर एकत्रित हुए। जहां सरकार के खिलाफ मांगों को लेकर रोष प्रदर्शन किया। कृष्ण मिगलानी, रामदास, शशी कांत, सुरेश कुमार, आदि ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर अनदेखी कर रही है, जिससे कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं। वे भी उपभोक्ताओं की समस्या को समझते हैं, लेकिन सरकार बैंक कर्मचारियों को परेशान कर रही है।
ये हैं बैंक कर्मचारियों की मांग
-नोटबंदी के दौरान कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा बैंककर्मियों ने जो ओवरटाइम दिया है उसका उचित भुगतान किया जाए।
-ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 में ग्रेच्युटी सीमा राशि को समाप्त कर सेवा निवृति पर ग्रेच्युटी व अवकाश नकदीकरण की राशि को पूर्णत: आयकर मुक्त किया जाए।
-सभी बैंकों में कामगार, अधिकारी निदेशकों की नियुक्ति अविलंब की जाए।
-बैंक र्किमयों के आगामी वेतन पुनरीक्षण की प्रक्रिया की शुरूआत जल्द की जाए।
-पेंशन संबंधित मुद्दे पूर्व सेवा निवृत सहित सभी के लिए पेंशन योजना में आरबीआइ, केंद्र सरकार की तरह सुधार किया जाए।
-एनपीएस के स्थान पर बैंकों में पूर्व में जारी पेंशन योजना लागू की जाए।
-रिकार्ड नोट 25 मई 2015 पर आगे कार्रवाई की जाए।
-केंद्र सरकार की तर्ज पर सरकार द्वारा स्वीकृत अनुकंपा नियुक्ति योजना लागू की जाए।
-बैंकों द्वारा नोटबंदी में किए गए व्यय की प्रतिपूíत सरकार द्वारा की जाए।
-पांच दिवसीय बै¨कग को जल्द प्रारंभ किया जाए।
-खराब ऋणों की वसूली के लिए कठोर एवं कारगर कदम उठाए जाए।
-जानबूझकर बैंक ऋण नहीं चुकाने वालों पर दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
छोटे भाई की शादी के लिए
खरीदना था सामान
राजेंद्र सेठ कालोनी के प्रभजोत ¨सह ने कहा कि छोटे भाई की शादी के लिए बाजार से आज सामान खरीदना था। विजय बैंक में कैश लेने के लिए आया तो यहां आने के बाद पता चला की बैंकों की हड़ताल है। इसलिए वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा। नोटबंदी के बाद से तो अभी तक हालात नहीं सुधरे हैं तो ऐसे में अब बैंकों की हड़ताल ने लोगों को परेशान कर दिया है।
तीन दिन पहले ही था
बैंकों में अवकाश : मोर
अमरगढ़ गामड़ी के नवीन मोर ने बताया कि तीन दिन पहले ही बैंक बंद थे। सोमवार को खुले तो आज फिर हड़ताल के कारण बैंक बंद होने से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई। वे बैंक से पेमेंट लेने के लिए आया था, लेकिन बैंक बंद होने से उसे वापस लौटना पड़ा। एटीएम में कैश नहीं है।
आज फीस जमा करवाने
की थी अंतिम तिथि
शांति नगर के अशोक कुमार ने बताया कि एसबीआइ बैंक में कैश लेने के लिए आया था। ऑल इंडिया बार काउंसिल की परीक्षा के लिए आज फीस भरने की अंतिम तिथि थी। एटीएम में कैश लेने के लिए गया तो वहां भी राहत नहीं मिल पाई।
किसी को पेमेंट देनी थी : राणा
प्रवीण राणा ने कहा कि सेंट्रल बैंक में कैश लेने के लिए आया था, आज पेमेंट देनी थी, लेकिन बैंक बंद रहे। अब बिना कैश के ही वापस लौटना पड़ रहा है।
एटीएम में डाला जाना चाहिए पैसा
अजब ¨सह ने कहा कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बैंकों द्वारा एटीएम में कैश डाला जाना चाहिए।
पैसे के लिए भटकते रहे बुजुर्ग
बैंकों में हड़ताल के चलते बुजुर्गो को भी खासी दिक्कत आई। रोहेड़यिां गांव से पेंशन लेने के लिए पहुंचे राम ¨सह ने बताया कि तीन दिन बैंक बंद रहे थे। सोमवार को घर पर जरूरी काम होने के कारण पेंशन लेने के लिए नहीं आ सका। आज बेटे के साथ पेंशन लेने के लिए आया था, लेकिन यहां जानकारी मिली की बैंक तो बंद है।
निजी बैंकों में बढ़ गई डिमांड
राष्ट्रीकृत बैंकों में हड़ताल के चलते प्राइवेट बैंकों में लेनदेन के लिए भीड़ बढ़ गई। डिमांड ज्यादा होने के कारण बैंकों के बाहर उपभोक्ताओं की लंबी कतार रही। एक निजी बैंक के कर्मचारी ने बताया कि राष्ट्रीयकृत बैंकों में हड़ताल के चलते प्राइवेट बैंकों में आज डिमांड ज्यादा रही। इन बैंकों में रोजाना 15 से 20 करोड़ रुपये का लेनदेन होता है। आज हड़ताल के चलते कामकाज ज्यादा रहा।