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कर्ज लेकर गए थे अमेरिका, जंगलों में भटकते रहे

पूंडरी पुलिस ने शुक्रवार को विदेश भेजने के नाम पर युवकों से धोखाधड़ी करने के आरोप में दो मामले दर्ज किए हैं। दोनों ही मामलों में युवाओं को एजेंटों ने अमेरिका भेज कर वहां मोटी कमाई का लालच दिखाया। पूंडरी पुलिस ने शुक्रवार को विदेश भेजने के नाम पर युवकों से धोखाधड़ी करने के आरोप में दो मामले दर्ज किए हैं। दोनों ही मामलों में युवाओं को एजेंटों ने अमेरिका भेज कर वहां मोटी कमाई का लालच दिखाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 09:13 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 09:13 AM (IST)
कर्ज लेकर गए थे अमेरिका, जंगलों में भटकते रहे
कर्ज लेकर गए थे अमेरिका, जंगलों में भटकते रहे

संवाद सहयोगी, पूंडरी : पूंडरी पुलिस ने शुक्रवार को विदेश भेजने के नाम पर युवकों से धोखाधड़ी करने के आरोप में दो मामले दर्ज किए हैं। दोनों ही मामलों में युवाओं को एजेंटों ने अमेरिका भेज कर वहां मोटी कमाई का लालच दिखाया।

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मां-बाप अपने बच्चों के भविष्य के लिए अपनी जमीनें, गहने और संपत्ति दांव पर लगाकर एजेंटों के लिए पैसे का इंतजाम करते हैं। उनके बच्चों को वहां यातनाओं के अलावा कुछ नहीं मिलता। पहले मामले में पुलिस को दी शिकायत में दीपक पुत्र कर्मचंद निवासी पाई गेट ने कहा है कि उसकी सतपाल जांबा से अमेरिका भेजने के लिए 20 लाख रुपये में बात हुई। कर्ज लेकर 13 अप्रैल 2019 को उसने सतपाल को चार लाख रुपये और पासपोर्ट जमा करवा दिया। उसके बाद उसे दिल्ली से साउपालो फिर ब्राजील और वहां से इक्वाडोर फिर वहां से मैडलीन शहर पहुंचा। डोकर उसे नौका में जंगलों तक ले गए, जहां उसे छह से सात लड़के बांग्लादेश के भी मिले। चार दिन जंगलों में चलने के बाद वे पनामा कैंप और फिर वहां से टैक्सस जेल पहुंचे। इसी बीच जंगल में माफिया ने उनका सब-कुछ लूट लिया।

बॉक्स

केस नंबर-2

दूसरे मामले में अवतार गोरा पुत्र ईश्वर सिंह निवासी मूंदड़ी ने कहा कि एजेंट जगतार सिंह निवासी सांच से उसकी मुलाकात हुई जो कि पहले भी उसके गांव के तीन-चार लड़कों विदेश भेज चुका है। 22 मार्च 2019 को उसके पूंडरी कार्यालय में उनकी उससे बात हुई। उसने भरोसा जमाने के लिए इतना कह दिया कि पैसे अमेरिका पहुंचने के बाद दे देना। 28 मार्च 2019 को ही जगतार का फोन आया और कहा कि आज की फ्लाइट है। जब वो दिल्ली पहुंचा तो उसे वहां आकाश नाम का व्यक्ति मिला उसने कहा कि यदि कोई उससे पूछे तो बताना कि एक्वाडोर घूमने जा रहा हूं। 36 घंटे बाद इक्वाडोर पहुंचा। वहां एजेंट का आदमी ने पांच दिन रखने के बाद कोलंबिया बस के रास्ते भेज दिया। ट्रबो शहर से डोकर घर ले गया और पासपोर्ट ले लिया। समुद्री जहाज के रास्ते कपूसवाला भेजा और दो दिन जंगलों में छोड़ दिया और कहा नदी के रास्ते चलते जाना। वहां जंगल में 40 व्यक्ति और मिले जो कि तीन से चार दिन तक चलने के बाद पनामा कैंप और फिर वहां से कोस्ट्रिका और फिर होंडरस व गवादमाला पहुंचे। जहां डोकर ने टार्चर कर पैसे जगतार को देने का कहा पैसे देने के बाद ही उसे आगे भेजा गया। 22 अक्टूबर 2019 को कोर्ट में पेश होने के बाद विभिन्न जेलों में रखा गया और फिर भारत में वापस भेज दिया गया।


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