जल बचाव के लिए किसान करें मक्का, अरहर की खेती : एडीसी
एडीसी आरके सिंह ने तहसीलदार खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व पटवारियों को निर्देश दिए कि जो भी किसान मक्का व अरहर के लिए आवेदन करता है उनका किला नंबर मुरब्बा नंबर व खेवट नंबर की वैरीफिकेशन करना सुनिश्चित करें ताकि फार्म के सभी कॉलम भरने के बाद जल ही जीवन पोर्टल पर अपलोड किए जा सके।
जागरण संवाददाता, कैथल : एडीसी आरके सिंह ने तहसीलदार, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व पटवारियों को निर्देश दिए कि जो भी किसान मक्का व अरहर के लिए आवेदन करता है, उनका किला नंबर, मुरब्बा नंबर व खेवट नंबर की वैरीफिकेशन करना सुनिश्चित करें, ताकि फार्म के सभी कॉलम भरने के बाद जल ही जीवन पोर्टल पर अपलोड किए जा सके। मुख्यमंत्री मनोहर लाल 29 मई को सायं 4 बजे चंडीगढ़ से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम जल ही जीवन पोर्टल का शुभारंभ करेंगे।
सिंह लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में तहसीलदार, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा पटवारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को मक्का व अरहर जैसी फसलों को लगाने के लिए जागरूक करें। किसानों को यह भी समझाएं कि धरती के पानी का स्तर गिरता जा रहा है। यदि ऐसे ही चलता रहा तो भविष्य में पानी पीने के लिए भी नहीं मिलेगा। किसानों को पानी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें। सरकार फसल विविधिकरण के प्रति किसानों का रूझान बढ़ाना चाहती है। किसान भी कृषि विभाग के अधिकारियों का पूर्ण सहयोग करें। उन्होंने बताया कि यदि कोई किसान 5 एकड़ में धान की फसल करता है तो वह उसमें से कम से कम डेढ व 2 एकड़ मक्का व अरहर की फसल करें। किसी भी किसान को फसल बेचने में किसी भी प्रकार की परेशानी नही आएगी। इसके अलावा किसान अपने स्तर पर भी अपनी फसल बेच सकता है। सरकार द्वारा पूंडरी खंड को चुना गया है। इस योजना के तहत बासमती धान की फसल के अलावा दूसरी फसल उगाने के लिए जागरूकता अभियान जोरों से चलाया जाए। ------------
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