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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिया जा रहा खिलौने बनाने का प्रशिक्षण

जिला की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मार्केट डिमांड के अनुसार खिलौने बनाने में निपुण करने के दृष्टिगत गांव बाकल में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से खिलौने बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 05:26 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 05:26 PM (IST)
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिया जा रहा खिलौने बनाने का प्रशिक्षण
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिया जा रहा खिलौने बनाने का प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता, कैथल : जिला की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मार्केट डिमांड के अनुसार खिलौने बनाने में निपुण करने के दृष्टिगत गांव बाकल में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से खिलौने बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को और अधिक आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके और महिलाएं वर्तमान परिवेश की मांग के अनुसार सामान बनाकर मार्केट में उसकी आपूर्ति कर सके।

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जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश राविश ने बताया कि जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार इस प्रशिक्षण को शुरू करवाया गया है। जब महिलाएं खिलौने बनाने में निपुण हो जाएगी तब स्थानीय मार्केट से भी इनका तालमेल करवाया जाएगा, ताकि महिलाओं द्वारा बनाए गए खिलौने की खपत मार्केट में हो सके। इससे महिलाओं की आय में अपेक्षाकृत बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि आजीविका से संबंधित जिला में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसमें महिलाओं को समूहों में जोड़ कर उन्हें काम सिखाकर स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला इंचार्ज मनोज कुमार ने प्रशिक्षण ले रही सभी महिलाओं को कहा कि वे खिलौने बनाने का तरीका रूचि अनुसार सीख लें। खिलौने बनाते समय उनकी सफाई का विशेष ध्यान रखें। साइज के अनुसार खिलोनों को बनाने की लागत व अच्छे मैटीरियल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यदि गांव में कोई अन्य महिला इस ग्रुप से जुड़ना चाहती हैं, तो उनको भी प्रशिक्षण लेने के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि गांव में 18 समूह बने हुए हैं, जिनमें करीब 186 परिवार जुड़े हुए हैं। इस मौके पर खंड कार्यक्रम प्रबंधक श्याम लाल, मुकेश कुमार मौजूद रहे। जिला में 2927 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं 30343 महिलाएं: उपायुक्त

डीसी डा. संगीता तेतरवाल ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिगत जिले में दो हजार 927 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं, जिसमें 30 हजार 343 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इन सभी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि महिलाएं सामान बनाने में निपुण हों और उसे बाजार में बेच सके। महिलाओं को अगरबत्ती, कपड़े के बैग, स्कूल बैग, सिलाई, ब्यूटी पार्लर, बैंक सहायक, आर्गेनिक फार्मिग, पशुपालन से संबंधित, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, आचार व मसाले बनाना, फाइल कवर, ऊनी वस्त्र आदि कार्यो में प्रशिक्षित किया गया है।


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