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पूंडरी को सब-डिवीजन बनाना उनकी पहली प्राथमिकता : गोलन

विधानसभा सीट पूंडरी से निर्दलीय विधायक बने रणधीर गोलन ने पूंडरी विधानसभा सीट से बड़ी जीत हासिल कर निर्दलीयों की परंपरा को तो कायम रखा ही है साथ में 12 हजार 824 वोट लेकर एक नया रिकार्ड भी बनाया है। कॉलेज समय से राजनीति में आए रणधीर गोलन इतिहास विषय से एमए पास है। 1988 में वह एक निजी बैंक के डायरेक्टर रहे। 1991 में भाजपा में शामिल हो गए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 09:57 AM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 06:36 AM (IST)
पूंडरी को सब-डिवीजन बनाना उनकी पहली प्राथमिकता : गोलन
पूंडरी को सब-डिवीजन बनाना उनकी पहली प्राथमिकता : गोलन

संजय तलवाड़, पूंडरी: विधानसभा सीट पूंडरी से निर्दलीय विधायक बने रणधीर गोलन ने पूंडरी विधानसभा सीट से बड़ी जीत हासिल कर निर्दलीयों की परंपरा को तो कायम रखा ही है, साथ में 12 हजार 824 वोट लेकर एक नया रिकार्ड भी बनाया है। कॉलेज समय से राजनीति में आए रणधीर गोलन इतिहास विषय से एमए पास है। 1988 में वह एक निजी बैंक के डायरेक्टर रहे। 1991 में भाजपा में शामिल हो गए।

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भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी हित में इतना काम किया कि पार्टी ने उन्हें एमएलए का दावेदार बना दिया। वर्ष 2000 में पहला चुनाव लड़ा लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी तेजवीर सिंह से चुनाव हार गये। फिर 2005 में चुनाव लड़ा लेकिन निर्दलीय दिनेश कौशिक से चुनाव हार गए। 2014 में तीसरी बार मोदी लहर के बावजूद उन्हें निर्दलीय दिनेश कौशिक से हार का सामना करना पड़ा। 2019 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया और वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतर गए। किस्मत को शायद यहीं मंजूर था कि उन्हें निर्दलीय ही विधायक बनना था।

गोलन ने भाजपा द्वारा टिकट काटे जाने के बाद जब पहली बार पूंडरी के जश्न पैलेस में बैठक की थी तो वहां पहुंचे हलका वासियों ने उसी दिन उन्हें पूंडरी का अगला विधायक बनाने की कसम उठा ली थी। गोलन के विधायक बनने के बाद अब मंत्रीमंडल में स्थान मिले, ऐसी उम्मीद हलकावासी लगा रहे हैं।

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परिवार के सदस्य :

गोलन के परिवार में उनकी पत्नी अनीता गोलन, दो पुत्र बड़े अमित गोलन व छोटे बेटे अमन गोलन, बड़ी पुत्रवधू पारूल और छोटी पुत्रवधू शैलजा और दो पोते रणवीर व आर्यवीर शामिल है। चुनाव प्रचार के दौरान रणधीर गोलन की पत्नी अनीता गोलन के साथ दोनों बेटों और बहुओं ने भी उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए दिनरात एक कर दिया। गोलन को मिली जीत का सबसे बड़ा कारण उन्हें 36 बिरादरी का समर्थन व भाजपा का टिकट कटने के बाद मिली सहानुभूति रहा। गोलन की छवि दबंग व काम करने वाले नेता की रही है, ये भी उनकी जीत का आधार रहा।

गोलन का कहना है कि हलके की 36 बिरादरी के सहयोग से विधायक बने है, इसलिए उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। उनका प्रयास रहेगा कि हलका विकास की दौड़ में अग्रणी बन सके। पूंडरी हलके को सब-डिविजन बनाने, पानी निकासी व चिकित्सा सुविधाओं में बढ़ोतरी आदि कई ऐसे कार्य है, जिन्हें वे प्राथमिकता के आधार पर करने का काम करेंगे।


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