विदेश भिजवाने के नाम पर ठगे तीन लाख, आरोपितों के खिलाफ केस
पुलिस ने विदेश भिजवाने के नाम पर तीन लाख रुपये ठगने के मामले में आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपितों ने फर्जी वीजा लगवाकर पीड़ित को मलेशिया भेज दिया, जहां पकड़े जाने पर वह छह माह तक जेल में रहा। परिजनों को इस बारे में जानकारी मिली तो आरोपित से संपर्क किया। इसके बाद फिर आरोपितों ने जेल से रिहा करवाने के नाम पर 50 हजार रुपये ठग लिए। यहां तक कि झूठे कागजात तैयार कर हस्ताक्षर करवाते हुए समझौता भी कर लिया।
जागरण संवाददाता, कैथल : पुलिस ने विदेश भिजवाने के नाम पर तीन लाख रुपये ठगने के मामले में आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपितों ने फर्जी वीजा लगवाकर पीड़ित को मलेशिया भेज दिया, जहां पकड़े जाने पर वह छह माह तक जेल में रहा। परिजनों को इस बारे में जानकारी मिली तो आरोपित से संपर्क किया। इसके बाद फिर आरोपितों ने जेल से रिहा करवाने के नाम पर 50 हजार रुपये ठग लिए। यहां तक कि झूठे कागजात तैयार कर हस्ताक्षर करवाते हुए समझौता भी कर लिया।
पुलिस को दी शिकायत में अर्जुन नगर निवासी मुकेश ने आरोप लगाया कि वह चिनाई का काम करता है। वर्ष 2017 में आरोपित अर्जुन नगर निवासी प्रदीप कुमार ने मलेशिया में पैनासोनिक कंपनी में भवन निर्माण कार्य के लिए भेजने को लेकर जिला कुरुक्षेत्र के बाबैन निवासी विजय कुमार से मिलवाया। आरोपित ने उसे विदेश भेजने के लिए उसकी मां महेंद्र देवी से तीन लाख रुपये मांगे। उन्होंने मकान गिरवी रखकर नवंबर 2017 में आरोपित को ढाई लाख रुपये दे दिए, बाकि के 50 हजार रुपये 11 नवंबर 2017 को आरोपित के बैंक खाते में डलवा दिए।
उसने आरोप लगाया कि आरोपित ने उसे काउंटर से¨टग से निकाल दिया। आरोपित का जानकार सतनाम ¨सह उसे मलेशिया एयरपोर्ट लेने आया। उसने उसे गाड़ी में बैठाकर 1800 मलेशियन रिगिट व पासपोर्ट यह कहकर ले लिया कि वर्क परमिट लगवांऊगा। दो दिनों तक उसे एक होटल में रखा गया। तीसरे दिन सतनाम उसे एटिया कंपनी में साक्षात्कार के लिए ले गया। वहां जानकारी मिली की सतनाम अच्छा आदमी नहीं है। वह भारतीय लड़कों को फंसाकर पैसे ऐंठने का काम करता है। उसने विजय को फोन कर ये बातें बताई और पासपोर्ट वापस मांगा। कुछ दिन बाद सतनाम उसके व अन्य युवकों के पासपोर्ट लेकर भाग गया।
शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपित विजय के पार्टनर ने कुछ लड़कों सहित उसे मलेशिया इमीग्रेशन के हवाले कर दिया। इमीग्रेशन वालों ने कोर्ट में पेश किया। उसने बताया कि वे वीजा लगवाकर आए हैं तो वहां पता चला कि वीजा तो फर्जी है। कोर्ट ने दस-दस हजार का जुर्माना व छह माह की सजा सुनाई।
पैसे लेकर भी जेल से नहीं छुड़ाया
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जब उसकी मां ने आरोपित विजय से संपर्क किया तो उसने गलती होने की बात कहते हुए फिर 50 हजार रुपये मांगे। पूछने पर कहा कि मुकेश को जेल से छुड़वा दूंगा। जनवरी 2018 में उसकी मां ने फिर आरोपित को 50 हजार रुपये दे दिए, लेकिन इसके बावजूद उसे जेल से नहीं छुड़वाया। सजा पूरी होने के बाद ही वह जेल से बाहर आया।
वर्जन
सिटी थाना प्रभारी मनदीप ¨सह ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जांच कर रहे हैं। आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।