किच्छाना गांव में स्वाइन फ्लू से बच्ची की मौत, टीम ने लिए 75 सैंपल
किच्छाना गांव में स्वाइन के बढ़ते प्रकोप को लेकर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दौरा किया। सरकारी स्कूल में शिविर लगा लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। छात्र-छात्राओं, स्टाफ व ग्रामीणों को इस बीमारी के लक्षण, सावधानी व बचाव को लेकर जागरूक किया गया। दिनभर 150 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। 75 सैंपल लेकर रोहतक पीजीआइ जांच के लिए भेज दिए हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल :
किच्छाना गांव में स्वाइन के बढ़ते प्रकोप को लेकर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दौरा किया। सरकारी स्कूल में शिविर लगा लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। छात्र-छात्राओं, स्टाफ व ग्रामीणों को इस बीमारी के लक्षण, सावधानी व बचाव को लेकर जागरूक किया गया। दिनभर 150 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। 75 सैंपल लेकर रोहतक पीजीआइ जांच के लिए भेज दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी पुष्टि हो पाएगी स्वाइन फ्लू है या नहीं। यह शिविर 16 फरवरी तक जारी रहेगा। इस दौरान गांव के हर व्यक्ति की जांच करने का लक्ष्य रखा हुआ है।
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तेज बुखार होने पर सात साल
की बच्ची की मौत
गांव में सोमवार को सात साल की एक बच्ची की मौत हुई है। पिता सुशील कुमार ने बताया कि उसके पास तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी कसीस को तीन दिन पहले बुखार हुआ था। उसे पहले शहर के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया, यहां से चिकित्सकों ने तबीयत बिगड़ने पर रेफर कर दिया। परिजन बच्ची को कुरुक्षेत्र के किसी अस्पताल में लेकर चले गए। जहां सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई।
परिजनों के अनुसार चिकित्सकों ने तेज बुखार से मौत होने का कारण बताया है। किस बुखार से मौत हुई है यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। रिपोर्ट मिलने के बाद जानकारी मिल सकेगी। अभी तक परिजनों को कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। वहीं लड़की की मौत से गांव के लोगों में भय बढ़ता जा रहा है।
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गांव में 20 दिनों में हो
चुकी है दो मौत
गांव में स्वाइन फ्लू से पिछले 20 दिनों में एक किसान व चौथी कक्षा की छात्रा की मौत हो चुकी हैं। वहीं मृतक बच्ची के ताऊ खुशी राम को भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, जो हिसार के एक निजी अस्पताल में दाखिल हैं। वहीं विभाग ने अभी तक मात्र एक मौत व तीन स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव केस मिलने की पुष्टि की है। ग्रामीणों का कहना है कि 19 जनवरी को एक किसान की मौत स्वाइन फ्लू से हुई थी। विभाग ने इसके बाद गांव का दौरा तो किया, लेकिन मृतक के परिजनों व आसपास के घरों में दवाई देकर ही टीम वापस लौट गई। विभाग की कमी के चलते तीन दिन पहले एक बच्ची की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि जब विभाग से संपर्क किया गया तो अधिकारियों ने फोन तक नहीं उठाया। बार-बार फोन के बाद जब सरपंच ने एक अधिकारी को कहा कि वे इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को पत्र लिखेंगे तो इसके बार विभागीय अधिकारी हरकत में आए और गांव में पहुंचकर शिविर लगाया गया।
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2017 में हुई थी स्वाइन
फ्लू से तीन की मौत
स्वाइन फ्लू का पिछले साल 2018 में कोई केस नहीं मिला था। वर्ष 2017 में नौ केस सामने आए थे। तीन की मौत हुई थी। इस बार फिर से स्वाइन फ्लू का प्रकोप जिले में बढ़ रहा है। अब तक दौ मौत हो चुकी हैं।
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गांव किच्छाना के सरपंच प्रवीण कुमार ने बताया कि गांव में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ रहा है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग कुछ हरकत में दिखाई दिया है। इससे पहले तो मात्र खानापूर्ति की जा रही थी।
बाक्स- लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. नीरज मंगला ने बताया कि स्वाइन फ्लू को लेकर गांव में शिविर लगाया जा रहा है। 16 फरवरी तक यह जारी रहेगा। इस दौरान लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। सैंपल भी लिए जाएंगे। गांव में हाउस टू हाउस सर्वे भी किया जा रहा है। ------------