तीन दिन पहले शुरू हुई गेटपास की आनलाइन प्रक्रिया, आढ़ती चक्कर काटने पर मजबूर
शहर की तीनों अनाज मंडियों से खरीदे गए धान का उठान आढ़तियों के लिए परेशानी बन गया है। उठान को लेकर पिछले तीन दिन से आनलाइन गेट पास की प्रक्रिया शुरू की गई है। गेट पास काटने का कार्य धीमा होने से आढ़तियों को परेशानी आ रही है।
जागरण संवाददाता, कैथल : शहर की तीनों अनाज मंडियों से खरीदे गए धान का उठान आढ़तियों के लिए परेशानी बन गया है। उठान को लेकर पिछले तीन दिन से आनलाइन गेट पास की प्रक्रिया शुरू की गई है। गेट पास काटने का कार्य धीमा होने से आढ़तियों को परेशानी आ रही है। मंडियों में जाम की स्थिति पैदा हो गई है। धान के कट्टों से भरी मंडियों में करीब 100 गाड़ियां खड़ी हैं। उठान न होने से जाम की स्थिति बन गई है। किसान मंडियों से बाहर धान डालने को मजबूर हो गए हैं। आढ़तियों ने कहा कि पिछले धान के सीजन में मेनुअल गेट पास काटे जाते थे, लेकिन अब सरकार ने आनलाइन यह कार्य कर दिया है। गेट पास कटवाने में काफी समय लग रहा है। इस प्रक्रिया के चलते उठान का कार्य बाधित हो गया है। तीनों मंडियों में पांच लाख से भी ज्यादा कट्टे भरे हुए पड़े हैं। शहर की नई व पुरानी अनाज मंडी के अंदर तो धान डालने के लिए जगह तक नहीं बची है। किसान मंडी के बाहर धान डालने को मजबूर हो रहे हैं।
गेटपास आनलाइन करने से आ रही दिक्कत : बहादुर खुरानिया
पुरानी अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान श्याम बहादुर खुरानिया ने बताया कि उठान को लेकर गेटपास आनलाइन करने के कारण दिक्कत आ रही है। दिनभर में पीआर सेंटर से बहुत कम गेट पास कट रहे हैं। इस कारण आढ़तियों व किसानों को दिक्कत आ रही है। इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए प्रशासन के पास पुख्ता प्रबंध नहीं है। कर्मचारियों की संख्या भी बहुत कम है। इस कारण गेट पास काटने में काफी समय लग रहा है। इस प्रक्रिया को बदलते हुए पहले की तरफ मेनुअल गेट पास काटे जाएं ताकि किसानों व आढ़तियों को कोई परेशानी न आए। नई अनाज मंडी एसोसिएशन के उपप्रधान धर्मपाल कठवाड़ ने कहा कि गेट पास काटने में समय लगने के कारण मंडी धान से भर गई है। उठान काफी धीमा चल रहा है। गेट पास मिलने के बाद ही चालक गाड़ी लेकर रवाना हो रहे हैं। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।
सुचारू रूप से हो रही है मंडियों में धान की खरीद : डीसी
जिला की विभिन्न मंडियों में खरीद एजेंसियों द्वारा एक लाख 68 हजार 177 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा सबसे अधिक 89 हजार 694 मीट्रिक टन धान खरीदा। पिछले वर्ष इस दिन तक जिला में एक लाख 55 हजार 287 मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। डीसी प्रदीप दहिया ने बताया कि जिला में विभिन्न स्थानों पर संचालित मंडियों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीद हो रही है। मंडियों से खरीदे गए धान का उठान भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि जिला की बाबा लदाना मंडी में 1962 मीट्रिक टन, ढांड मंडी 18 हजार 131 मीट्रिक टन, गुहला चीका मंडी 68 हजार 886 मीट्रिक टन, कैथल मंडी में 41 हजार 626 मीट्रिक टन, कलायत मंडी में 531 मीट्रिक टन, कौल मंडी में 1217 मीट्रिक टन, पाई मंडी में 1259 मीट्रिक टन, पूंडरी मंडी में 14 हजार 500 मीट्रिक टन, राजौंद में 601 मीट्रिक टन, रामथली में 10 हजार 735 मीट्रिक टन व सीवन मंडी में आठ हजार 729 मीट्रिक टन धान खरीदा गया।
अनाज मंडी में खरीद एजेंसियों का रहा संतोष जनक कार्य तो उठान रहा धीमा
संस, पूंडरी : अनाज मंडी में पीआर धान की खरीद को लेकर जहां कई दिनों तक किसानों व आढ़तियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। किसानों ने खरीद को लेकर प्रदर्शन करने से लेकर रास्ते जाम व अधिकारियों का घेराव भी किया, लेकिन अब दो दिनों से मंडी में खरीद का कार्य संतोषजनक चल रहा है। मंडी से दोनों एजेंसी हैफेड व डीएफएससी द्वारा प्रतिदिन खरीद की जा रही है। जिसके तहत हैफेड द्वारा सोमवार तक 1.50 लाख कट्टे खरीद किए गए, जिसमें से 80 हजार कट्टों की लोडिग भी हो चुकी है। डीएफएससी ने लगभग 2.15 लाख कट्टे खरीद किए, जिसमें से लगभग एक लाख कट्टे लोडिग किए जा चुके है। मंडी के अंदर लोडिग की भी एक बहुत बड़ी समस्या है, जिसके चलते मंडी में किसानों का धान डलवाने की भी जगह नहीं थी। अब जहां से लोडिग होती है, वहां पर किसानों का धान डलवा दिया जाता है। मंडी एसोसिएशन के प्रधान सतीश हजवाणा ने कहा कि मंडी में दो दिनों से दोनों खरीद एजेंसियों का कार्य काफी संतोष जनक चल रहा है।