डुलयाणी में धरने पर बैठे दो किसानों की तबीयत बिगड़ी
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले धरने के 44वें दिन दो किसानों की तबियत बिगड़ गई। मेहर सिंह (63) कृष्ण कुमार (45) डुलयानी जो लगातार 44 दिनों से धरने पर बैठने के कारण भारी रोष व अवसाद का शिकार है कमजोरी के चलते बेहोश हो गए।
संवाद सहयोगी, पूंडरी : राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले धरने के 44वें दिन दो किसानों की तबियत बिगड़ गई। मेहर सिंह (63) कृष्ण कुमार (45) डुलयानी जो लगातार 44 दिनों से धरने पर बैठने के कारण भारी रोष व अवसाद का शिकार है, कमजोरी के चलते बेहोश हो गए। किसान नेता राजेंद्र आर्य दादूपुर दोनों को तुरंत अस्पताल ले गए व दाखिल करवाकर इलाज करवाया। राजेंद्र आर्य ने कहा कि शुरुआत में लगा कि दोनों किसानों ने या तो सल्फास खाया या कीटनाशक दवाई पी ली है। किसान सरकार व प्रशासन की अनदेखी के चलते आत्महत्या की धमकी दे रहे थे। घटना के तुरंत बाद किसान नेता राजेंद्र आर्य ने मुख्यमंत्री के नाम खुला ज्ञापन लिखा, जिससे किसानों की सुनवाई करने बारे व किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल को जल्द मुख्यमंत्री से मिलवाने बारे अपील की गई है। जिला कैथल के 16 गांवों के किसान 44 दिनों से नेशनल हाइवे 152 डी की अवार्ड बढ़वाने के लिए डुलयानी गांव में धरने पर बैठे हैं। ज्यादातर किसान सरकार की ओर से सुनवाई न होने के चलते रोष व अवसाद का शिकार हैं। लंबे आंदोलन से मानसिक व शारीरिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण किसान कोई ऐसा कदम उठा सकते हैं, जिससे जान व माल की हानि हो सकती है। उनके प्रयासों से जिला जींद के 22 गांवों जिला चरखी दादरी के 17 गांवों की नेशनल हाइवे 152 डी की पहले घोषित अवार्ड के साथ एक ओर अतिरिक्त अवार्ड किसानों के हक में जारी की गई है। जींद व दादरी के किसानों का मुआवजा पहले से दोगुना हो गया है। सरकार कैथल, करनाल व कुरुक्षेत्र के किसानों के साथ भेदभाव कर रही है।
भेदभाव नहीं होगा सहन
किसानों ने कहा कि उत्तरी हरियाणा के किसानों के साथ भेदभाव सहन नहीं किया जाएगा। भाजपा किसानों को जबरदस्ती विरोध के रास्ते पर धकेल रही है। राजेंद्र आर्य ने कहा कि सीटीएम, एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार को किसानों के हालात बारे सूचित कर दिया गया है। कोई अधिकारी न तो धरनास्थल पर पहुंचे और ना ही अस्पताल में पहुंचे। किसानों नें प्रशासन की इस लापरवाही पर रोष व्यक्त किया।
पूंडरी अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. विकास भटनागर ने बताया कि दो किसानों को उनके साथी अस्पताल लेकर आए थे। उन्हें कमजोरी की शिकायत थी, जिन्हें आइवी ड्रिप लगाकर दो घंटे बाद छुट्टी दे दी गई थी।