कैशियर ने बिजली निगम को लगाई 38 लाख की चपत
बिजली निगम कलायत कार्यालय के कैशियर गो¨बद ने विभाग को 38 लाख चार हजार की चपत लगाई है। चंडीगढ़ से विभाग की ऑडिट टीम ने यह खुलासा किया है। मामले की तह तक जाने के लिए टीम दो महीने से कलायत कार्यालय में डेरा डाले हुए थी। हालांकि अब भी कुछ रिकार्ड खंगालना बाकी है। ऑडिट टीम ने अपनी रिपोर्ट निगम मुख्यालय को भेज दी है। बता दें कि एएलएम गो¨बद पिछले कई वर्षों से कैशियर के पद पर काम करते हुए जनवरी 2017 से यह गड़बड़ी कर रहा था, लेकिन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। 2018 में जब कुछ उपभोक्ताओं के पुराने बिल की राशि बार बार जुड़कर आने की शिकायत की तो एसडीओ भरत ¨सह को शक हुआ और वे कैशियर पर नजर रखने लगे।
विक्रम पूनिया, कैथल : बिजली निगम कलायत कार्यालय के कैशियर गो¨बद ने विभाग को 38 लाख चार हजार की चपत लगाई है। चंडीगढ़ से विभाग की ऑडिट टीम ने यह खुलासा किया है। मामले की तह तक जाने के लिए टीम दो महीने से कलायत कार्यालय में डेरा डाले हुए थी। हालांकि अब भी कुछ रिकार्ड खंगालना बाकी है। ऑडिट टीम ने अपनी रिपोर्ट निगम मुख्यालय को भेज दी है।
बता दें कि एएलएम गो¨बद पिछले कई वर्षों से कैशियर के पद पर काम करते हुए जनवरी 2017 से यह गड़बड़ी कर रहा था, लेकिन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। 2018 में जब कुछ उपभोक्ताओं के पुराने बिल की राशि बार बार जुड़कर आने की शिकायत की तो एसडीओ भरत ¨सह को शक हुआ और वे कैशियर पर नजर रखने लगे। उन्होंने एक्सईएन भूपेंद्र ¨सह को भी इसकी जानकारी दे दी थी। उसके बाद शुरुआत जांच में चार लाख 50 हजार 610 रुपये की गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद कैशियर को सस्पेंड करते हुए एफआइआर दर्ज करवाई गई थी। मामले की तह तक जाने के लिए कैथल, कलायत सब डिविजन के एक्सईएन ने निगम मुख्यालय को ऑडिट करवाने के लिए लिखा था।
ऐसे करता था कैशियर गड़बड़ी
कैशियर जनवरी 2017 से उपभोक्ताओं के बिल की राशि जमा करते हुए उन्हें रशीद थमा देता था, लेकिन उपभोक्ता के जाने के बाद एंट्री को रद कर रुपये खुद हजम कर जाता था। उपभोक्ता के पास रशीद होती थी इसलिए वे चुप रहते थे, लेकिन जब बार बार यह राशि उनके बिलों में जुड़कर आने लगी तो उन्होंने शिकायत करना शुरू कर दिया। एसडीओ जब देखते तो कंप्यूटर में उपभोक्ता की तरफ बकाया राशि दिखाई जाती थी, जबकि उसके पास उन बिलों की रशीद होती थी।
रिवाइज एफआइआर के लिए
लिख दिया है : वधावन
कार्यकारी अभियंता भू¨पद्र ¨सह वधावन ने कहा कि ऑडिट टीम की रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने रिवाइज एफआइआर के लिए थाने को शुक्रवार सुबह ही रिपोर्ट भेज दी है। अब इस मामले में जो भी कार्रवाई करेगी पुलिस ही करेगी। विभाग कर्मचारी को पहले सस्पेंड कर चुका है।
पुलिस ने नहीं की अब
तक कोई कार्रवाई
एसडीओ भरत ¨सह ने डाक के माध्यम से कैशियर के खिलाफ छह सितंबर को कार्रवाई के लिए थाने में शिकायत दे दी थी, लेकिन कलायत पुलिस ने अब तक मामले में कोई जांच नहीं की है। पुलिस ने 38 लाख की चपत लगाने वाले कर्मचारी को गिरफ्तार करना तो दूर पूछताछ भी करना जरूरी नहीं समझा है।
जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर शमशेर ने बताया कि मामले की जांच चल रही है, लेकिन उनके पास अब तक रिवाइज एफआइआर की कॉपी नहीं आई है।