संकट में 15 घंटे काम कर रहे तहसीलदार प्रदीप कुमार
कोरोना संकट के बीच चिकित्सक और पुलिस प्रशासन ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारी भी अपनी ड्यूटी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : कोरोना संकट के बीच चिकित्सक और पुलिस प्रशासन ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारी भी अपनी ड्यूटी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कर रहे हैं। गुहला के तहसीलदार प्रदीप कुमार इस महामारी के बीच 14 से 15 घंटे काम करते हैं। सुबह सात बजे घर से निकलते हैं और रात को नौ बजे तक ड्यूटी पर रहते हैं। इस दौरान राउंड लेते हैं। पहले सब्जी मंडी जाते हैं। यहां तय किये गए रेट और शारीरिक दूरी का लोग ख्याल रखें इसे लेकर जागरूक किया जाता है। इसके बाद अनाज मंडी में जाकर लोगों को मुंह पर मास्क लगाना, सैनिटाइज करना और भीड़ न जुटाना सहित अन्य जानकारी को लेकर किया जाता है। अब लॉकडाउन में दी गई छूट को लेकर भी पूरी नजर रख रहे हैं। जो टाइम प्रशासन की तरफ से निर्धारित किया गया है, उसका पालन हो रहा है या नहीं, सात बजे के बाद लोग घरों में रहते है या बाहर सड़कों पर घुम रहे हैं, इसे लेकर पूरी निगरानी रखे हुए हैं। शहर में खाना वितरण को लेकर गठित की गई टीमों के बारे में भी पूरी जानकारी लेने के बाद सीनियर अधिकारियों तक पहुंचा रहे हैं। तहसीलदार प्रदीप ने बताया कि सीनियर अधिकारियों का मार्गदर्शन मिलने के कारण ही काम बेहतर तरीके से हो रहा है। पुलिस कर्मचारियों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। लोगों को कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है। लोग सरकार की हिदायतों का पालन कर रहे हैं।
परिवार को रहती है चिता
तहसीलदार प्रदीप कुमार ने बताया कि परिवार रोहतक में रहता है। पिता धर्म सिंह, पत्नी और बच्चों का फोन आता ड्यूटी के दौरान आता रहता है, लेकिन बातचीत उस समय नहीं हो पाती। जब ड्यूटी के बाद समय मिल पाता है तो परिवार के लोगों से बातचीत होती है। इस दौरान मास्क लगाने, सैनिटाइज करने सहित अन्य सावधानी बरतने के लिए कहते हैं। पूरा परिवार लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन कर रहा है। लोगों से अपील है कि इस महामारी को रोकने के लिए सरकार की तरफ से जारी हिदायतों के अनुसार कार्य करें। घर से बाहर तभी निकले जब कोई इमरजेंसी हो।