शांति पाठ के माध्यम से विश्वकल्याण की कामना
आर्ट ऑफ लिविग संस्था की ओर से अद्वैत स्वरूप आश्रम में आयोजित पाठ का समापन दिव्य भजन संध्या के साथ हुआ। आचार्या अल्पना मित्तल ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी रविद्र ठाकुर ने गणेश वंदना के साथ हुआ।
जागरण संवाददाता, कैथल :
आर्ट ऑफ लिविग संस्था की ओर से अद्वैत स्वरूप आश्रम में आयोजित पाठ का समापन दिव्य भजन संध्या के साथ हुआ। आचार्या अल्पना मित्तल ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी रविद्र ठाकुर ने गणेश वंदना के साथ हुआ। इसके बाद स्वामी शिवपाद ने शांति पाठ के माध्यम से विश्वकल्याण की कामना की। उन्होंने कहा कि पूर्वजन्म के संस्कारों के चलते अनेक व्यक्ति विशेष परिवार अथवा विशेष परिस्थितियों में जन्म ले लेते हैं, लेकिन इक पवित्र एवं मुक्त आत्मा तो विश्व कल्याण के लिए दूसरे लोगों को मुक्ति देने के पवित्र उद्देश्य से ही जन्म लेती है। मानव जीवन में क्षमा के महत्व का गूढ़-ज्ञान देते हुए उन्होंने समझाया कि किस प्रकार व्यक्ति के जो कर्म एवं संस्कार शरीर मिटने के बाद भी नहीं मिटते वो गुरु की शरण में जाने से सहजता से ही मिट जाते हैं। वनिता चुघ ने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि मृत्यु हमें परमानंद की ओर ले जाती है, इस दिव्य ज्ञानधारा से स्वयं को आत्मिक स्तर पर समझने का स्वर्णिम सुअवसर प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम के अंतिम चरण में आचार्या सोनिया मिगलानी ने आर्ट ऑफ लिविग परिवार की ओर से स्वामी शिवपाद के प्रति अपनी आत्मिक कृतज्ञता व्यक्त करने के साथ साथ अद्वैत स्वरुप आश्रम की ओर से प्रदान किए गए हर संभव सहयोग के लिए आश्रम के सभी सदस्यों के प्रति आभार जताया।