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शहर में 70 हजार प्रॉपर्टी का सर्वे पूरा,18 हजार का नहीं मिला डाटा

नगर परिषद की ओर से याशी कंसलटेंसी एजेंसी के सहयोग से शहर में प्रॉपर्टी का सर्वे कराया जा रहा है। एजेंसी ने 70 हजार प्रॉपर्टी का सर्वे पूरा कर लिया है। इसमें से करीब 18 हजार प्रॉपर्टी मालिकों की पहचान नहीं हो पाई है। कुछ मौके पर नहीं मिले तो कुछ ने जानकारी देने से मना कर दिया। जिनकी जानकारी मिल गई है उनके रिकॉर्ड को ऑनलाइन किया जाएगा। शहर में बने हर भवन का रिकार्ड अब नगर परिषद के पास ऑनलाइन होगा। रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से प्रॉपर्टी टैक्स से नप को पहले से ज्यादा आमदनी होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:05 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:05 AM (IST)
शहर में 70 हजार प्रॉपर्टी का सर्वे  पूरा,18 हजार का नहीं मिला डाटा
शहर में 70 हजार प्रॉपर्टी का सर्वे पूरा,18 हजार का नहीं मिला डाटा

जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद की ओर से याशी कंसलटेंसी एजेंसी के सहयोग से शहर में प्रॉपर्टी का सर्वे कराया जा रहा है। एजेंसी ने 70 हजार प्रॉपर्टी का सर्वे पूरा कर लिया है। इसमें से करीब 18 हजार प्रॉपर्टी मालिकों की पहचान नहीं हो पाई है। कुछ मौके पर नहीं मिले तो कुछ ने जानकारी देने से मना कर दिया। जिनकी जानकारी मिल गई है उनके रिकॉर्ड को ऑनलाइन किया जाएगा।

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शहर में बने हर भवन का रिकार्ड अब नगर परिषद के पास ऑनलाइन होगा। रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से प्रॉपर्टी टैक्स से नप को पहले से ज्यादा आमदनी होगी। सर्वे के बाद लोग आनलाइन भी अपना टैक्स भर सकेंगे। इसके लिए एक अलग से सॉफ्टवेयर बनाया जाएगा। एक बार ड्रोन से भी शहर का सर्वे किया जा चुका है। भवन के मालिक से उसकी आइडी और पूरा पता पूछा गया है। भवन की रजिस्ट्री और मालिक का आधार कार्ड दिखाना जरूरी है।

निर्धारित किए गए हैं टैक्स के रेट

भवन मालिकों को साल में एक बार नगर परिषद को प्रॉपर्टी टैक्स देना होता है। खाली और बने हुए भवनों के लिए अलग-अलग रेट तय किए हुए हैं। खाली प्लाट या मकान का 300 वर्ग गज तक के प्लाट के लिए 50 पैसे प्रति गज, 301 से 500 गज तक के प्लाट के लिए दो रुपये प्रति गज, 501 से 1000 तक के प्लाट के लिए तीन रुपये प्रति गज, 1001 से दो एकड़ तक तीन रुपये 50 पैसे प्रति गज देने होते हैं। कामर्शियल में 50 वर्ग गज तक 12 रुपये प्रति गज, 51 से 100 तक 18 रुपये प्रति गज, 101 से 500 तक 24 रुपये प्रति गज, 501 से 1000 तक 30 रुपये प्रति गज टैक्स देना होता है।

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दिए जा रहे हैं नोटिस

नगर परिषद में इस समय लाखों रुपये प्रॉपर्टी टैक्स का बकाया है। नप की ओर से निजी और सरकारी विभागों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। कुछ लोग तो कॉमर्शियल जगह को भी रिहायसी दिखा देते थे। सर्वे होने के बाद ऐसा नहीं हो पाएगा। प्रॉपर्टी की पूरी डिटेल आनलाइन हो जाएगी और सारा डाटा आनलाइन ही होगा।

शहर में बने भवनों का सर्वे किया जा रहा

नगर परिषद के सुपरिटेंडेंट नरेंद्र शर्मा ने बताया कि शहर में बने भवनों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद प्रॉपर्टी टैक्स से नप को ज्यादा आमदनी होगी। करीब 70 हजार प्रॉपर्टी का सर्वे पूरा हो चुका है। शहर की हर प्रॉपर्टी का रिकार्ड आनलाइन हो जाएगा।


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