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बच्चों में जन्मजात आठ बीमारियों की अब निशुल्क हो सकेगी सर्जरी

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चलाए जा रहे राष्ट्रीय बाल स्वस्थ कार्यक्रम के तहत अब आठ अन्य बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के भी ऑपरेशन निशुल्क हो सकेंगे। इसके लिए सरकार ने प्रदेशभर में नौ अस्पतालों को पैनल पर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 06:28 AM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 06:28 AM (IST)
बच्चों में जन्मजात आठ बीमारियों की अब निशुल्क हो सकेगी सर्जरी
बच्चों में जन्मजात आठ बीमारियों की अब निशुल्क हो सकेगी सर्जरी

सुरेंद्र सैनी, कैथल

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स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चलाए जा रहे राष्ट्रीय बाल स्वस्थ कार्यक्रम के तहत अब आठ अन्य बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के भी ऑपरेशन निशुल्क हो सकेंगे। इसके लिए सरकार ने प्रदेशभर में नौ अस्पतालों को पैनल पर लिया है। कैथल जिले के बीमारियों से ग्रस्त बच्चों का इलाज पानीपत जिले के प्रेम अस्पताल व मोलाना मेडिकल कॉलेज में हो सकेगा। इससे पहले इस योजना के तहत केवल दिल में छेद होने पर ही निशुल्क ऑपरेशन बच्चों को होता था।

अब तक 148 बच्चों की सर्जरी इस योजना के तहत हो चुकी है। इनमें ऐसे परिवारों के बच्चे हैं, जिन पर इलाज का खर्च तो दूर की बात अस्पताल में आने-जाने का किराया तक भी जुटाना मुश्किल था। बच्चों का निशुल्क ऑपरेशन होने के बाद परिजन खुश हैं। लोगों का कहना है कि अगर इस योजना का लाभ नहीं मिलता तो उनका बच्चा कभी भी ठीक नहीं हो पाता। इन आठ बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के होंगे निशुल्क ऑपरेशन

योजना के तहत आठ बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के ऑपरेशन निशुल्क हो सकेंगे। इनमें आंखों काला मोतिया, आंखों में टेढ़ापन, आंखों के परदों में कमी होना, रीढ़ की हड्डी में दिक्कत होना, कटे हुए ओंठ, कान में दिक्कत होना, हाथ-पांव का टेढ़ा होने पर निशुल्क ऑपरेशन किया जाएगा। इससे पहले ये बीमारी इस योजना में नहीं थी। इस कारण परिजनों को बच्चों के इलाज को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। दस टीमें कर रही स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों का दौरा

योजना के तहत चिकित्सकों की दस टीमें आंगनबाड़ी व स्कूलों का दौरा कर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करती हैं। बच्चों में बीमारियां सामने आने पर उन्हें इलाज के लिए जिला नागरिक अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों की पहचान कर उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर जाता है। अब तक किए गए सर्वे में बच्चों में खून की कमी होने से संबंधित ज्यादा केस सामने आए हैं। इसके साथ-साथ कम सुनना, आंखों की रोशनी कमजोर होना जैसे केस भी मिले हैं। ऐसे बच्चों का इलाज विभाग ने शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय बाल स्वस्थ कार्यक्रम के तहत पहले केवल दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों का ही इलाज होता था। अब इसमें आठ अन्य बीमारियों को शामिल करते हुए निशुल्क ऑपरेशन बच्चों का होगा। ऐसी बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के अभिभावक योजना का लाभ उठाते हुए बच्चों का इलाज करवाएं।

-डॉ. सुरेंद्र नैन, सिविल सर्जन, कैथल


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