दो महीने से गन्ना किसानों को नहीं मिली पेमेंट, रोष
मिल प्रबंधन को नियमानुसार किसानों से गन्ना खरीदने के 14 दिन के अंदर भुगतान करना होता है, लेकिन किसानों को पिछले दो से ढाई महीने से पेमेंट नहीं मिली है।
जागरण संवाददाता, कैथल : मिल प्रबंधन को नियमानुसार किसानों से गन्ना खरीदने के 14 दिन के अंदर भुगतान करना होता है, लेकिन किसानों को पिछले दो से ढाई महीने से पेमेंट नहीं मिली है। किसानों का आरोप है कि मिल प्रबंधन जानबूझकर पैसा नहीं दे रहा है। जबकि चीनी की बिक्री रोजाना हो रही है। ज्यादातर किसान तो ऐसे हैं, जिन्हें गन्ना बेचने के बाद एक भी पेमेंट नहीं मिली है। पैसा नहीं मिलने के कारण किसान श्रमिकों का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा किसानों को रोजाना के कार्यों के लिए भी पैसे की जरूरत पड़ती है। कुछ किसानों ने बताया कि पैसे खाते में नहीं आने के उनके पास ट्रैक्टर में तेल डलवाने के लिए भी पैसे नहीं है। दूसरे किसानों से उधार लेकर वे गुजारा कर रहे हैं।
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पूरे जिले में 17 हजार एकड़ में गन्ना
इस बार पूरे जिले में 17 हजार एकड़ में किसानों ने गन्ना लगाया हुआ है। पिछले साल 21 हजार एकड़ में गन्ना किसानों ने गन्ने की खेती की है। किसानों का कहना है कि समय पर भुगतान न होने के कारण काफी दिक्कत आ रही है। मजदूरों का वेतन समय पर नहीं दिया जा रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार व प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
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गांव डोहर निवासी नरेश ने बताया कि सात एकड़ में गन्ना लगाया था। करीब ढाई महीने पहले जो गन्ना बेचा था, उसका भुगतान भी शुगर मिल ने नहीं किया है। घर में राशन पानी खरीदने के लिए पैसे भी नहीं बचे हैं। लोगों से ब्याज पर पैसे लेकर वे घर का काम चला रहे हैं, लेकिन शुगर मिल जो भुगतान करेगा वे उस पर ब्याज भी नहीं देता है।
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गांव खुराना निवासी जगदीश मलिक ने बताया कि वे करीब छह लाख क्विंटल गन्ना शुगर मिल में बेच चुके हैं और अब तक सिर्फ एक लाख 50 हजार ¨क्वटल गन्ने का भुगतान उन्हें किया गया है। दिसंबर के बाद कोई भुगतान किसानों को नहीं किया गया है।
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गांव सारण निवासी पवन ने बताया कि 12 एकड़ में गन्ना लगाया है। करीब आधा गन्ना वे बेच चुके हैं, लेकिन अभी तक शुगर मिल की तरफ से भुगतान नहीं किया गया है। पेमेंट नहीं मिलने से उनको रोजाना के खर्च के लिए भी उधार पैसे मांगने पड़ते हैं।
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शुगर मिल एमडी से भी मिल चुके हैं किसान
किसान पैसे खातों में डालने की मांग को लेकर शुगर मिल एमडी डॉ. वेद प्रकाश से भी मिल चुके हैं। एमडी ने आश्वासन दिया था कि वे 14 फरवरी को पेमेंट दे चुके हैं। कुछ दिनों में पैसे खाते में आ जाएंगे।
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मिल प्रबंधन का दावा 15 जनवरी तक कर चुका भुगतान
मिल प्रबंधन का दावा है कि वे प्रदेश की सभी गन्ना मिलों में भुगतान के मामले में अव्वल हैं। 19 फरवरी तक 23 लाख 53 हजार क्विंटल गन्ने की खरीद गई है, जिसकी राशि करीब 79 करोड़ 94 लाख बनती है। वहीं 15 जनवरी तक प्रबंधन 43 करोड़ तीन लाख की राशि किसानों के खातों में डाल चुका है। बची हुई राशि का भुगतान भी 28 फरवरी तक कर दिया जाएगा। किसी का पैसा पें¨डग है तो वह बैंक लेवल पर पें¨डग है शुगर मिल के लेवल पर नहीं।
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कर चुके हैं किसानों का भुगतान
शुगर मिल के एमडी डॉ. वेद प्रकाश का कहना है कि 15 जनवरी तक की बकाया राशि का भुगतान किया जा चुका है। बाकी बची राशि का भी जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा। उनकी किसानों से अपील है कि वे ताजा और साफ गन्ना मिल में लेकर आएं, ताकि पिराई का कार्य सुचारु रुप से चलता रहे।