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हड़ताल और छुट्टियों से धीमी पड़ी बिजली माफी योजना के तहत बकाया वसूलने की रफ्तार

रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में एक सप्ताह से भी ज्यादा समय तक चली बिजली कर्मियों की हड़ताल और त्योहारों पर छुट्टियों के कारण बिजली माफी योजना की रफ्तार धीमी पड़ गई है। करीब पांच अक्टूबर से निगम ने उपभोक्ताओं को योजना का लाभ देना शुरु किया था। 15 दिनों तक योजना पूरी रफ्तार में चली और करीब 60 लाख रुपया जमा हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 12:05 AM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 12:05 AM (IST)
हड़ताल और छुट्टियों से धीमी पड़ी बिजली माफी योजना के तहत बकाया वसूलने की रफ्तार
हड़ताल और छुट्टियों से धीमी पड़ी बिजली माफी योजना के तहत बकाया वसूलने की रफ्तार

जागरण संवाददाता, कैथल : रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में एक सप्ताह से भी ज्यादा समय तक चली बिजली कर्मियों की हड़ताल और त्योहारों पर छुट्टियों के कारण बिजली माफी योजना की रफ्तार धीमी पड़ गई है। करीब पांच अक्टूबर से निगम ने उपभोक्ताओं को योजना का लाभ देना शुरु किया था। 15 दिनों तक योजना पूरी रफ्तार में चली और करीब 60 लाख रुपया जमा हुआ। अगले 20 दिनों में अब तक मात्र 20 लाख रुपये ही जमा हो पाया है। अब तक करीब 2500 उपभोक्ता योजना का लाभ ले चुके हैं, जिससे निगम के पास 80 लाख रुपये की राशि जमा हुई है। हालांकि अब भी निगम का उपभोक्ताओं की तरफ छह करोड़ से ज्यादा बकाया है, जिसको वसूलने में विभाग को कई महीने और कड़ी मशक्कत करनी होगी।

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30 जून 2018 तक बकाया बिलों पर मिलेगा लाभ

सरकार ने बिजली बिलों में कटौती के साथ ही बिल माफी योजना लागू कर डिफाल्टर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान की थी। योजना के तहत 30 जून 2018 तक जिन उपभोक्ताओं को बिल बकाया था ग्रामीण इलाके में 40 पैसे प्रति यूनिट तथा शहरी क्षेत्र में 50 प्रति यूनिट ही देना था। वहीं बीपीएल परिवारों को इन्हीं दरों के साथ केवल अंतिम 12 महीनों का ही भुगतान करना था। अधिकारियों का मानना है कि निगम ने इससे पहले इतनी बड़ी राहत कभी भी उपभोक्ताओं को नहीं दी है।

उपभोक्ताओं को कर रहे जागरूक

बिजली निगम के अधीक्षक अभियंता बीएस रंगा ने कहा कि बिजली बिल जुर्माना माफी योजना की रफ्तार जरूर धीमी हुई है, लेकिन इस पर काम चल रहा है। निगम ने एक बार फिर खुले दरबार शुरू कर दिए हैं। उनका लक्ष्य हर उस उपभोक्ता तक पहुंचना है जिसकी तरफ निगम का एक रुपया भी बकाया है। उपभोक्ताओं को अन्य तरीकों से भी जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है।


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