आंधी ने मचाई तबाही, जींद- कैथल मार्ग पर गिरे 350 पेड़
रविवार अल सुबह मौसम की करवट के साथ ही तबाही मच गई। तेज आंधी से जहां सड़कों पर पेड़ गिर गए वहीं बिजली के ट्रांसफार्मर और पोल भी गिरने से काफी नुकसान हुआ। जींद-कैथल मार्ग पर गांव किठाना से लेकर कसान तक करीब 350 पेड़ गिर गए।
जागरण संवाददाता, कैथल:
रविवार अल सुबह मौसम की करवट के साथ ही तबाही मच गई। तेज आंधी से जहां सड़कों पर पेड़ गिर गए, वहीं बिजली के ट्रांसफार्मर और पोल भी गिरने से काफी नुकसान हुआ। जींद-कैथल मार्ग पर गांव किठाना से लेकर कसान तक करीब 350 पेड़ गिर गए। इस कारण आठ से नौ घंटे तक रास्ता बाधित रहा। यातायात पुलिस कर्मचारियों ने ग्रामीणों की सहायता से मौके पर पहुंचकर गिरे पेड़ों को सड़क से हटाया। वहीं बिजली के पोल गिरने से करीब 10 से 15 गांव की बिजली सप्लाई बाधित रही। सुबह पानी की सप्लाई न आने के कारण लोगों को काफी परेशानी आई। जिलेभर में सबसे ज्यादा बरसात 100 एमएम राजौंद में दर्ज की, वहीं सबसे कम 21 एमएम गुहला क्षेत्र में हुई। पाड़ला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चार दीवारी की मुख्याद्वार की तरफ से दीवार गिर गई, हालांकि कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ।
कहां कितनी हुई बरसात
पिछले चार दिनों से जहां तापमान 40 डिग्री पार चल रहा था, वहीं रविवार को हुई बरसात से 33 डिग्री तक पहुंच गया। बरसात के बाद तापमान में आई गिरावट से लोगों को गर्मी से राहत मिली। जिला उपायुक्त निवास स्थित कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार कैथल में 26 एमएम, गुहला में 21, सीवन में 24 एमएम, कलायत में 15 एमएम, पूंडरी 78 एमएम, ढांड में 38 एमएम, राजौंद में 100 एमएम बरसात दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 33 और न्यूनतम 20 डिग्री दर्ज किया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार इस सप्ताह बरसात होने की संभावना है।
बिजली के 198 पोल गिरने से बिजली सप्लाई ठप
तेज आंधी के कारण कई गांव में बिजली के पोल गिरने से सप्लाई बाधित रही। निगम अधिकारियों के अनुसार जिले में कुल 198 पोल गिरे हैं। इसके अलावा 25 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। शहर के 2 फीडर व गांव के 20 फीडर ब्रेक डाउन हो गए। इससे शहर 40 गांवों के हजारों लोगों को 24 घंटे तक ब्लैक आउट का सामना करना पड़ा। तूफान इतना तेज था कि सड़कों पर खड़े पेड़ और खेतों में लगे पोल गिर गए। प्रभावित हुई बिजली सप्लाई को ठीक करने के लिए दिनभर बिजली कर्मचारियों की टीम लगी रही। बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 198 के करीब पोल टूटे हैं। बिजली सुचारू रुप से जारी रखने के लिए काम चल रहा है।
किसानों के खिले चेहरे
तेज बरसात होने के कारण किसानों के चेहरे खिल उठे। किसान रामकुमार, मांगे राम, मुकेश ने बताया कि भीषण गर्मी के चलते धान की फसल सूखने लगी थी। अगर एक-दो दिनों तक बरसात नहीं होती तो किसानों को कई एकड़ में दोबारा से धान की रोपाई करनी पड़ती। इस बरसात से काफी फायदा किसानों को हुआ है। बरसात न होने के कारण बिजली की खपत बढ़ रही थी। वहीं दूसरी तरफ तेज बरसात के चलते कई जगह जलभराव की स्थिति रही। इस कारण लोगों को काफी दिक्कत आई। हालांकि सुबह आठ बजे के बाद बरसात रूकने से दिनभर मौसम साफ रहा।