छह भट्ठे के लाइसेंस किए रद, मालिकों में रोष
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने छह भट्ठा मालिकों के लाइसेंस रद कर दिए हैं। सभी छह भट्ठा मालिकों ने नवीनीकरण फीस, सेल टैक्स, माइ¨नग व प्रदूषण विभाग की एनओसी जमा नहीं करवाई है।
जागरण संवाददाता, कैथल : खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने छह भट्ठा मालिकों के लाइसेंस रद कर दिए हैं। सभी छह भट्ठा मालिकों ने नवीनीकरण फीस, सेल टैक्स, माइ¨नग व प्रदूषण विभाग की एनओसी जमा नहीं करवाई है। छह में से कृष्ण मुरारी भट्ठा की लाइसेंस रद करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
नियमानुसार सभी भट्ठा मालिकों को वर्ष 2018-19 के लिए 2018 में 31 मार्च तक नवीनीकरण फीस व एनओसी जमा करवानी थी। उसके बाद 30 जून तक जुर्माने के साथ भी भट्ठा मालिक ये राशि व एनओसी जमा करवा सकते थे, लेकिन बार बार आदेशों और रिमाइंडर के बाद भी इन भट्ठा मालिकों ने ऐसा नहीं किया। विभाग ने सख्ती दिखाते हुए सभी के लाइसेंस सस्पेंड कर नोटिस थमा दिए। नियमानुसार नोटिस दिए जाने के 10 दिनों के अंदर भट्ठा मालिकों ने फीस व एनओसी जमा नहीं करवाई तो सभी की लाइसेंस रद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
जिले में चल रहे हैं 94 भट्ठे
जिले में 94 भट्ठे कार्यरत हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने ताजा आदेशों में पहले ही भट्ठों के चलने पर पाबंदी लगा हुई है। अब अगर भट्ठा मालिक विभाग से नवीनीकरण नहीं करवा पाते हैं तो भट्ठे चलाने की अनुमति के बाद भी मालिक अपने भट्ठे नहीं चला पाएंगे।
इन छह भट्ठों के खिलाफ की गई है कार्रवाई
जिन भट्ठों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं उनमें स्वामी भट्ठा कंपनी कौल, भारत ब्रिक्स भट्ठा कंपनी क्योड़क, मित्तल ट्रे¨डग कंपनी उरलाना, जगत गुरु ब्रह्मानंद भट्ठा कंपनी हाबड़ी, जगदंबा भट्ठा कंपनी फरल, कृष्ण मुरारी भट्ठा कंपनी शिमला शामिल हैं।
नियमों के पाबंद हैं भट्ठा संचालक
भट्ठा एसोसिएशन के जिला प्रधान रामप्रसाद बंसल का कहना है कि भट्ठा संचालक नियमों के पाबंद हैं, लेकिन अगर किसी भट्ठा संचालक ने अभी तक नवीनीकरण व अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा नहीं करवाए हैं तो उन्हें करवाने चाहिए। बिजनेस नियमों के दायरे में रहकर ही किया जाना चाहिए। अन्यथा इसका नकारात्मक प्रभाव बिजनेस पर पड़ता है।
जमा नहीं कराई एनओसी
बार बार समय और रिमाइंडर दिए जाने के बाद भी नवीनीकरण फीस व अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा नहीं करवाने पर लाइसेंस सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई है। नियमों की अवहेलना सहन नहीं की जाएगी। अगर कोई ऐसा करता है तो उसको किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
- व¨रद्र ¨सह, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी कैथल।