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हाथों में अभी है मेहंदी, उजड़ गया सुहाग

पूंडरी-ढांड रोड पर पेड़ से टकराई स्क्रॉर्पियों में हादसे का शिकार हुए छह दोस्तों में करनाल जिला के गांव बिठमड़ा निवासी कपिल और घरौडा कस्बा के गांव गगसीना निवासी उसका मामा दीपक भी शामिल था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 09:58 AM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 09:58 AM (IST)
हाथों में अभी है मेहंदी, उजड़ गया सुहाग
हाथों में अभी है मेहंदी, उजड़ गया सुहाग

सुरेंद्र सैनी, कैथल : पूंडरी-ढांड रोड पर पेड़ से टकराई स्क्रॉर्पियों में हादसे का शिकार हुए छह दोस्तों में करनाल जिला के गांव बिठमड़ा निवासी कपिल और घरौडा कस्बा के गांव गगसीना निवासी उसका मामा दीपक भी शामिल था।

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कपिल कैथल के पूंडरी हलका के गांव बरसाना में काजल के साथ विवाहित था और तीन माह पहले ही दोनों की शादी हुई थी। हादसे से पहले कपिल ने अपनी पत्नी काजल को फोन कर सूचना दी थी कि वे रात में नाना-नानी के घर रुकेगा और सुबह ससुराल पहुंचेगा। इसके बाद दोनों बिठमड़ा गांव के लिए रवाना होंगे, लेकिन कुछ देरी बाद कपिल के मामा ने हादसे की सूचना दी तो काजल के पैरों तले से जमीन खिसक गई। हादसे की मिली सूचना के बाद उसकी जिदगी उजड़ गई। अभी हाथों से मेहंदी सूखी भी नहीं थी कि पति का साथ छूट गया।

सूचना मिलने के बाद काजल के पिता भरतपाल सिंह परिवार के अन्य लोगों के साथ अस्पताल पहुंचे। दामाद कपिल सहित पांच अन्य युवकों के शव देखकर फूट-फूट कर रोने लगे। बोले सपनों में भी नहीं सोचा था कि बेटी का घर इस तरह से उजड़ जाएगा। खुशी-खुशी हरिद्वार घूमने के लिए गया था, रविवार को बेटी को ससुराल ले जाने की बात कह रहा था, लेकिन अनहोनी को कुछ और ही मंजूर था।

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सुरेवाला में मच गया कोहराम,

नहीं जला चुल्हा

सुरेवाला गांव निवासी अजय, रामकेश व अंकुश की हादसे में हुई मौत के बाद गांव में चूल्हा तक नहीं जला। रविवार दोपहर को जब तीनों युवकों के शव गांव में पहुंचे तो स्वजनों में कोहराम मच गया। रोते-बिलखते परिवार के लोगों को सांत्वना देने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। तीनों को एक साथ मुखाग्नि दी गई तो पूरे गांव की आंखे नम हो गई। 23 वर्षीय अजय घर का इकलौता चिराग था। अप्रैल 2019 में दस माह पहले ही उसकी शादी हुई थी। अब घर में एक बहन ही रह गई है। इसी गांव का रामकेश खेती-बाड़ी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। दो भाईयों में सबसे छोटा था। एक बहन है। वहीं 23 वर्षीय अंकुश बीए की पढ़ाई कर रहा था। स्वजनों ने बताया कि अंकुश कहता था कि वे फौज में भर्ती होकर देश की सेवा करेगा, लेकिन अनहोनी को तो कुछ और ही मंजूर था।

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पिता की मौत के बाद घर का पालन-पोषण कर रहा था सुनील

फतेहाबाद के गांव हसवाला निवासी सुनील कुमार अपनी स्कॉर्पियों गाड़ी लेकर पांच दोस्तों के साथ घूमने के लिए गया था। पांच साल पहले पिता रघबीर सिंह की मौत हो चुकी है। एक बहन विवाहित है। छोटे भाई व मां का पालन-पोषण सुनील ही कर रहा था। रात को अंतिम बार भाई को फोन कर रविवार सुबह तक वापस आने की बात कही थी, लेकिन देर रात आए फोन ने परिवार को उजाड़ कर रख दिया। सुनील के बाद पूरे परिवार पर अब रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं। बेटे को याद कर मां, भाई व बहन की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अक्सर सभी दोस्त एक साथ ही कई जगहों पर मिलते थे। जहां भी जाते तो इक्ट्ठे ही आते-जाते थे।


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