दुकानदारों ने नगर परिषद को नहीं दिया किराया
नगर परिषद की बात करें तो पिछले 13 दिन में करीब 25 लाख रुपये की आय प्रभावित हो चुकी है। सबसे ज्यादा नुकसान प्रॉपर्टी टैक्स शाखा को हुआ है। रजिस्ट्री करवाने के लिए नगर परिषद से एनओसी लेना अनिवार्य है।
जागरण संवाददाता, कैथल : कोरोना संक्रमण की चेन रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगाया हुआ है। लोगों के साथ-साथ सरकारी विभागों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। नगर परिषद की बात करें तो पिछले 13 दिन में करीब 25 लाख रुपये की आय प्रभावित हो चुकी है। सबसे ज्यादा नुकसान प्रॉपर्टी टैक्स शाखा को हुआ है। रजिस्ट्री करवाने के लिए नगर परिषद से एनओसी लेना अनिवार्य है। इससे नप महीने में 25 से 30 लाख रुपये टैक्स प्राप्त हो रहा था।
लॉकडाउन के कारण टैक्स से संबंधित करीब 15 लाख रुपये की आय प्रभावित हो चुकी है। इसके अलावा नगर परिषद की शहर में 708 दुकानें हैं। इन दुकानों से महीने में 10 से 12 लाख रुपये किराया मिलता था। मई महीने में किसी भी दुकानदार ने किराया जमा नहीं करवाया। अन्य शाखाओं से भी आय प्रभावित हुई है। लोगों के कार्यो को लेकर लगाए गए काउंटर बंद किए हुए हैं। इस दौरान नप कर्मचारी अपने पेंडिग कार्यो को पूरा कर रहे हैं। जरूरत के हिसाब से ही कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है।
सर्वे और वेरिफिकेशन के कार्य भी अटके
लॉकडाउन के कारण नगर परिषद की तरफ से किए जा रहे सर्वे और वेरिफिकेशन के कार्य भी अटक गए हैं। नप की टीमें परिवार पहचान पत्र को लेकर आर्थिक सर्वे कर रही थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है। इसके अलावा मतदाता सूची की आपत्तियों को लेकर वेरिफिकेशन का कार्य किया जा रहा था, जिसे अब बंद कर दिया गया है। 11 मई तक वेरिफिकेशन का कार्य करना था, लेकिन अब दोबारा से इस कार्य को किया जाएगा।
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नगर परिषद की आय प्रभावित होने के साथ ही महत्वपूर्ण कार्य भी अटक गए हैं। लॉकडाउन के बाद ही इन कार्यो को दोबारा शुरू किया जाएगा।
बलबीर सिह, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद।