बेसहारा पशुओं की शरणस्थली बनी मंडी, हर तरफ गंदगी
सब्जी मंडी पूंडरी को सुविधाओं की दरकार है। पहले सब्जी मंडी शहर में हुआ करती थी, लेकिन भीड़भाड़ के चलते वर्ष 1996 में तत्कालीन भजन लाल सरकार ने अनाज मंडी के सामने खाली पड़ी जगह में इसे बनाने के लिए मंजूरी दी थी। वर्ष 2000 में ये सब्जी मंडी बनकर तैयार हुई, लेकिन सुविधाएं न मिलने के कारण करीब चार साल तक यहां आढ़तियों ने बैठना शुरू नहीं किया। इसके बाद 2004 में सुविधाएं मिलने के आश्वासन के बाद आढ़तियों ने यहां बैठना शुरू किया, लेकिन 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
संवाद सहयोगी, पूंडरी : सब्जी मंडी पूंडरी को सुविधाओं की दरकार है। पहले सब्जी मंडी शहर में हुआ करती थी, लेकिन भीड़भाड़ के चलते वर्ष 1996 में तत्कालीन भजन लाल सरकार ने अनाज मंडी के सामने खाली पड़ी जगह में इसे बनाने के लिए मंजूरी दी थी। वर्ष 2000 में ये सब्जी मंडी बनकर तैयार हुई, लेकिन सुविधाएं न मिलने के कारण करीब चार साल तक यहां आढ़तियों ने बैठना शुरू नहीं किया। इसके बाद 2004 में सुविधाएं मिलने के आश्वासन के बाद आढ़तियों ने यहां बैठना शुरू किया, लेकिन 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि सात-आठ साल पहले किसानों की सब्जी रखने के लिए इस मंडी में दो शेड भी बनाए गए, लेकिन अब वे भी छोटे पड़ रहे हैं। बारिश के दिनों में शेड के नीचे रखी किसानों की सब्जी भीग जाती है।
सब्जी मंडी में न केवल गंदगी की भरमार है, बल्कि यह बेसहारा पशुओं व सुअरों की शरणस्थली बनी हुई है। यहां न तो पीने की सुचारु व्यवस्था है और न ही शौचालय बनवाए गए हैं। ऐसे में किसानों या आढ़तियों को खुले में ही शौच जाना पड़ता है।
सिर्फ आश्वासन मिलता
मंडी प्रधान भारत भूषण मिगलानी, विजय, पंकज, हितेष, हुक्मचंद व चंद्रप्रकाश व हरिचंद आदि ने बताया कि वे समय-समय पर अधिकारियों के समक्ष मंडी की समस्याएं रखते रहते हैं, लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ हासिल नहीं होता। निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण बारिश के दिनों में सब्जी मंडी की सभी सड़कें पानी में डूब जाती हैं।
नियमित सफाई होती है
मार्केट कमेटी सचिव चरणदास ने कहा कि सब्जी मंडी में नियमित सफाई होती है। सफाई के लिए बाकायदा ठेका दिया हुआ है। पीने के पानी का भी उचित प्रबंध है। कई आढ़तियों को पानी के कनेक्शन भी दिए गए हैं। शौचालय तो बना है, लेकिन अभी मरम्मत के चलते उसे बंद किया गया है। जल्द ही इसे शुरू करवा दिया जाएगा।