भारतीय अंग्रेजी साहित्य पर डाला प्रकाश
फोटो नंबर 22 जागरण संवाददाता कैथल आरकेएसडी पीजी कालेज के इंग्लिश लिटरेरी सोसाइट
फोटो नंबर : 22
जागरण संवाददाता, कैथल : आरकेएसडी पीजी कालेज के इंग्लिश लिटरेरी सोसाइटी द्वारा राजा राव द्वारा उपन्यास कांथापुरा पर ऑनलाइन कार्यशाला सह व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसमें विशिष्ट वक्ता चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के अंग्रेज के प्रोफेसर डा. पंकज शर्मा थे। डा. विकास भारद्वाज ने कार्यशाला की थीम पेश की। मंच संचालन डा. सुरुचि शर्मा ने किया। अंग्रेजी विभाग के प्रमुख डा. राजबीर पराशर ने डा. पंकज शर्मा और कालेज प्रिसिपल डा. संजय गोयल का स्वागत किया। डा. संजय गोयल ने इस तरह की कार्यशालाओं के महत्व पर जोर दिया और कालेज के बारे में वक्ता और ऑनलाइन और ऑफलाइन भाग लेने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को एक संक्षिप्त परिचय दिया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में डा.पंकज शर्मा ने भारतीय अंग्रेजी साहित्य के महत्व और भारतीय अंग्रेजी भाषा के माध्यम से भारतीय संस्कृति के स्थानीयकरण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध भारतीय अंग्रेजी उपन्यासकारों आरके नारायण और राजा राव ने वास्तव में अपनी भारतीय अंग्रेजी भाषा, शैली और रूप के माध्यम से भारत और इसकी संस्कृति को फिर से बनाया है। कुछ प्रमुख भारतीय अंग्रेजी उपन्यासकारों जैसे अमिताव घोष, विक्रम सेठ, सलमान रुश्दी ने उक्त परंपरा को आगे बढ़ाया। संवादात्मक सत्र का संचालन डा. मंजुला गोयल ने किया, जिसमें उन्होंने सभी ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर विभिन्न प्रतिभागियों से प्रश्न मांगे और उन्हें डा. पंकज को जवाब देने के लिए सौंप दिया। अंग्रेजी विभाग की एसोसिएट प्रो. डा. गीता गोयल ने बताया कि एक उपन्यास के रूप में कांथापुरा की जड़ें भारतीय संस्कृति में हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि गांधीवादी पृष्ठभूमि संपूर्ण भारतीय सांस्कृतिक परंपरा की वास्तविकता का कार्य करती है। कार्यक्रम को डा. विकास ने एक साथ यूट्यूब, फेसबुक और जूम पर लाइव किया। इस कार्यक्रम के लिए कुल 1510 प्रतिभागियों ने अपना पंजीकरण कराया, जिन्हें सभी ऑनलाइन स्ट्रीम किए गए प्लेटफ़ॉर्म पर लगभग दो हजार विचार मिले। इस मौके पर प्रो. जयबीर, प्रो. नरेश, प्रो. अंजलि, प्रो. ऋचा, डा. एसपी वर्मा, प्रो. अर्चना, प्रो. निधि और प्रो. प्रांजल मौजूद रही।