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किसान नेता मामचंद के शहीदी दिवस पर भाकियू हुई दो फाड़

निसिग गोलीकांड में शहीद हुए किसान मामचंद और लखपत के शहीदी दिवस पर भाकियू किसान यूनियन चढूनी गुट को आज उस समय गहरा झटका लगा जब उसके प्रदेश महासचिव भूरा राम पबनावा ने उसे छोड़ने का ऐलान किया। इसके बाद भाकियू रतन मान के नेतृत्व में उसके गुट में शामिल हो गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 04:08 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 06:15 AM (IST)
किसान नेता मामचंद के शहीदी दिवस पर भाकियू हुई दो फाड़
किसान नेता मामचंद के शहीदी दिवस पर भाकियू हुई दो फाड़

संवाद सहयोगी, ढांड : निसिग गोलीकांड में शहीद हुए किसान मामचंद और लखपत के शहीदी दिवस पर भाकियू किसान यूनियन चढूनी गुट को आज उस समय गहरा झटका लगा जब उसके प्रदेश महासचिव भूरा राम पबनावा ने उसे छोड़ने का ऐलान किया। इसके बाद भाकियू रतन मान के नेतृत्व में उसके गुट में शामिल हो गए। पबनावा ने शहीदी दिवस के अवसर पर अपने प्रतिष्ठान पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। उसमें प्रदेश भर के किसानों ने भाग लिया। सर्वप्रथम भूराराम पबनावा सहित सैकड़ों की संख्या में किसानों ने पबनावा बस स्टैंड के नजदीक बने स्मारक में शहीद मामचंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उसके बाद दो मिनट का मौन धारण कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। भाकियू नेता मामचंद के शहीदी दिवस पर भाकियू हुई दो फाड़ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला और प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने भूराराम पबनावा को यूनियन का बिल्ला लगाकर तथा झंडी देकर विधिवत रूप से शामिल किया। मान ने कहा कि भूराराम को भाकियू के प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है। इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए मान ने कहा कि 1993 में बिजली बिलों में हुई बढ़ोतरी के विरोध में निसिग में तत्कालीन भजनलाल की सरकार के इशारे पर पुलिस ने किसानों पर चलाई थी। उसमें दोनों किसान शहीद हो गए थे। उनकी कुर्बानी को हमेशा याद रखा जाएगा।

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उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा की सरकार ने बुजुर्गो के साथ वृद्धावस्था पेंशन बढ़ोतरी के नाम पर उनके साथ धोखा किया है। चुनाव से पूर्व दोनो पार्टियों ने 3100 रुपये और 5100 रुपये पेंशन देने का वादा किया था। जिसको आज पूरा नही किया जा रहा है। उसके विरोध में 17 जनवरी को प्रदेश भर में भाकियू जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर डीसी को ज्ञापन सौंपेंगे। गन्ना किसानों की मांग का समर्थन करते हुए मान ने कहा कि उसके लिए सरकार के साथ आरपार की लड़ाई लड़ने से पीछे नही हटेंगे।

दूसरी ओर गुरनाम चढूनी गुट ने भी शहीदों की याद में खेल स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन किया। उसमें चढूनी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने एक नई पॉलिसी लांच की है। जिसके तहत किसानों को बर्बाद करने का बीड़ा उठाया हुआ है। उसमें पहला कदम मेरी फसल मेरा ब्योरा, दूसरा किसानों के खाते में फसलों का सीधा भुगतान करेगी। उसके बाद फसलों की सरकारी खरीद बंद की जाएगी। फिर किसानों को प्राइवेट खरीदारों के हाथों की कठपुतली बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाकियू सरकार की इस स्कीम का पुरजोर विरोध करती है। इसके लिए सरकार के साथ शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन के जरिए निपटने का काम करेंगे। इस अवसर पर श्याम सिंह प्रदेश संगठन सचिव, बलजीत सिंह जिला प्रधान कुरुक्षेत्र, रणदीप आर्य फरल, युवा भाकियू प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना, अजीत सिंह भूतमाजरा, रामफल जींद, महताब कादियान करनाल, सुरेंद्र सांगवान करनाल, मदनपाल बपदा,किताब सिंह रोहेडा, कुलविद्र हाबड़ी आदि मौजूद रहे।


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