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खुले पड़े शहर के मैनहोल ज्यादातर के ढक्कन टूटे

: शहर में खुले पड़े सीवरेज के शहर में खुले पड़े सीवरेज के मैनहोल दुर्घटनाओं का पर्याय बन रहे हैं। या तो ज्यादातर स्थानों पर इनमें ढक्कन है ही नहीं। अगर है तो उनमें से भी आधे के करीब टूटे पड़े हैं। कई ऐसे क्षेत्र भी हैं, जहां सीवर ब्लॉक होने से लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों व गलियों में बह रहा है। विभाग के कार्यालय में इससे संबंधित 15 से 20 शिकायतें रोजाना पहुंच रही हैं। कर्मचारी शिकायतों का निपटारा भी कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद विभाग उक्त समस्या पर अंकुश लगाने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है। पूरे शहर में शायद ही ऐसी कोई सड़क होगी, जहां सीवर के ढक्कन सड़क लेवल पर हैं। कहीं एक-एक फीट ऊंचे हैं तो कहीं आधे फीट से ज्यादा गहरे हैं। दोपहिया वाहन चालक सीवर के गड्ढों के कारण दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 08:42 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 08:42 AM (IST)
खुले पड़े शहर के मैनहोल  ज्यादातर के ढक्कन टूटे
खुले पड़े शहर के मैनहोल ज्यादातर के ढक्कन टूटे

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर में खुले पड़े सीवरेज के मैनहोल दुर्घटनाओं का पर्याय बन रहे हैं। या तो ज्यादातर स्थानों पर इनमें ढक्कन है ही नहीं। अगर है तो उनमें से भी आधे के करीब टूटे पड़े हैं। कई ऐसे क्षेत्र भी हैं, जहां सीवर ब्लॉक होने से लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों व गलियों में बह रहा है। विभाग के कार्यालय में इससे संबंधित 15 से 20 शिकायतें रोजाना पहुंच रही हैं। कर्मचारी शिकायतों का निपटारा भी कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद विभाग उक्त समस्या पर अंकुश लगाने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है। पूरे शहर में शायद ही ऐसी कोई सड़क होगी, जहां सीवर के ढक्कन सड़क लेवल पर हैं। कहीं एक-एक फीट ऊंचे हैं तो कहीं आधे फीट से ज्यादा गहरे हैं। दोपहिया वाहन चालक सीवर के गड्ढों के कारण दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।

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242 किलोमीटर में दबे सीवर लाइन

कैथल में करीब 242 किलोमीटर क्षेत्र में जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीवरेज की लाइन बिछाई गई है, 17 किलोमीटर में आज तक सीवरेज लाइन नहीं बिछी हैं। इसमें शहर की वैध और अवैध कॉलोनियों को शामिल किया गया है। हालांकि बाद में सीवरेज बिछाने का कार्य नगर परिषद की ओर से अमृत योजना के तहत किया जाएगा, लेकिन इनकी देखरेख का कार्य जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से ही किया जाएगा।

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विभाग को महीने में मिल रही

500 से ज्यादा शिकायतें :

जन स्वास्थ्य विभाग को सीवरेज से संबंधित एक माह में करीब 500 शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। शहर के लोग शिकायत देने के लिए तीन अलग-अलग तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। ज्यादातर शिकायतें करनाल रोड पर बने विभाग के शिकायत निवारण केंद्र में आ रही हैं। कुछेक शहरवासी मोबाइल या फोन करके अधिकारियों को संबंधित समस्या से अवगत करवा रहे हैं। इसके अतिरिक्त समस्या ज्यादा होने की स्थिति में लोग सीधे विभाग के कार्यालय में जाकर अधिकारियों को समस्या से अवगत करवा रहे हैं।

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इन जगहों पर है ज्यादा दिक्कत :

शहर के सिरटा रोड, अमरगढ़ गामड़ी, रामनगर, डिफेंस कॉलोनी, मायापुरी कॉलोनी, फ्रेंड्स कॉलोनी, बालाजी कॉलोनी, खुराना रोड डीएवी स्कूल के पास, डोगरा गेट व चंदाना गेट से रेलवे गेट को जाने वाली सड़क पर दिक्कत ज्यादा है। इसके अलावा अन्य कई जगहों से भी शहरवासी इस समस्या से जूझ रहे हैं।

वर्जन :

शिकायत मिलते ही विभाग की ओर से कर्मचारी भेजकर निवारण किया जा रहा है। शहर के लोगों को परेशानी न हो इसके लिए विभाग प्रमुखता से कार्य कर रहा है। सीवरेज ब्लॉक होने का सबसे बड़ा कारण गोबर व पॉलीथीन हैं। लोगों को चाहिए कि वे भी समस्या को दूर करने के लिए विभाग का सहयोग करें।

- प्रमोद कुमार, एसडीओ जन स्वास्थ्य विभा


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