सेरधा गांव में जल निकासी की समस्या, लोग परेशान
सेरधा गांव के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। गांव में सबसे विकट समस्या पानी की निकासी न होना है। मुख्य सड़क सहित गांव की गलियों में गंदा पानी जमा रहता है।
संवाद सहयोगी, राजौंद : सेरधा गांव के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। गांव में सबसे विकट समस्या पानी की निकासी न होना है। मुख्य सड़क सहित गांव की गलियों में गंदा पानी जमा रहता है। ग्रामीण प्रदीप जागड़ा, आशु, कमल, मंजीत, कप्तान सहित इंकलाब मंच के सदस्यों का कहना है कि गंदा पानी जगह- जगह एकत्रित होने के कारण मक्खी मच्छर पनप रहे हैं। इस कारण पीलिया, डायरिया व मलेरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। कई बार प्रशासन को समस्याओं के बारे में अवगत करवा चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। उन्होंने मांग की है कि गांव मूलभूत सुविधाओं की तरफ विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि समस्याओं से लोगों को निजात मिले।
यह है गांव का इतिहास
सेरधा गांव का इतिहास महाभारतकालीन हैं। यहां पर तीर्थ है। जिसकी काफी आस्था है। जहां ग्रामीण पूजा अर्चना करते हैं। गांव की आबादी आठ हजार के करीब है। 6500 के करीब मतदाता हैं, 60 प्रतिशत जनसंख्या साक्षर हैं। इंकलाब मंच गांव के सभी कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेता है।
सफाई व्यवस्था बदहाल
ग्रामीण मंदीप ने बताया कि गांव की सफाई व्यवस्था बदहाल है। जगह- जगह गंदगी के ढेर लगे रहते है। कई दिनों तक उठान नहीं होने से बदबू आने लग जाती है, बीमार होने का खतरा बना रहता है। सफाई कर्मचारियों की विशेष ड्यूटी लगानी चाहिए, ताकि साफ- सफाई रहे और बीमारियां कम फैले। गांव में एटीएम की व्यवस्था नहीं है। पैसे निकलवाने के लिए बैक में काफी देर खड़ा होना पड़ता है। एटीएम की बैक में व्यवस्था की जाए।
सेरधा से करोड़ा जाने वाली सड़क बदहाल
ग्रामीण टिकू ने बताया कि सेरधा से करोड़ा जाने वाली सड़क बदहाल हो चुकी है। गहरे गड्ढे बने हुए है। बरसात के समय इस सड़क से निकलना मुश्किल भरा रहता है। दोपहिया वाहन चालक सड़क पर गिरकर चोटिल हो रहे है। कई सालों से इस सड़क की तरफ को ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सड़क का दोबारा से निर्माण करवाया जाए, ताकि लोगों को आने जाने में परेशानी न हो। मुख्य बस स्टैंड पर भी एक गहरा गड्ढा बना हुआ है, इस गड्ढे में भी लोग चोटिल हो रही है।
सामुदायिक केंद्र का गांव में नहीं प्रबंध
ग्रामीण प्रदीप ने बताया कि गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए करोड़ा गांव में जाना पड़ता है। गांव में सीएचसी बनाई जाए, ताकि लोगों को परेशानी न हो। प्राथमिक सुविधाएं गांव में ही मिले। कम्यूनिटी सेंटर का गांव में निर्माण करवाया जाए।