100 से अधिक पाइपों व इंजनों के जब्त होने से बढ़ा नहर में जलस्तर
संवाद सहयोगी,कलायत: ¨सचाई पानी को लेकर सिरसा ब्रांच नहर सियासत का अखाड़ा बनी रही है। स
संवाद सहयोगी,कलायत: ¨सचाई पानी को लेकर सिरसा ब्रांच नहर सियासत का अखाड़ा बनी रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष इस मुद्दे के लिए एक-दूसरे को जिम्मेवार ठहराते हुए आरोप-प्रत्यारोप करते रहे हैं। जमीनी हकीकत से दूर रहे इस मुद्दे के कारण ही शायद पानी चोरी का सिलसिला दिन प्रतिदिन बढ़ता चला गया। नरवाना कार्यकारी अभियंता कृष्ण भुक्कल ने विभागीय टीम के साथ जिस प्रकार पहले दिन की खलिहानों में चली कार्यवाही में वस्तुस्थिति करीब-करीब पूरी तरह साफ हो गई। टीम ने कार्रवाई करते हुए 100 से अधिक कई-कई एकड़ लंबी पाइपों के साथ-साथ नहर से पानी को तेजी से उठाने वाले दो विशेष तरह के इंजन जब्त किए है। ¨सचाई विभाग की टीम करीब 10 किलोमीटर के बड़े रकबे में पानी चोरी के लिए बिछाए गए मक्कड़जाल को छिन्न-भिन्न करने में सफल रही। इस प्रभावी कार्रवाई से उन किसानों के चेहरों पर रंगत है जो वर्षाें से ¨सचाई पानी से महरूम रहे। इन्हें नहीं मालूम था कि उनके हकों पर भीतरघात से डाका लग रहा है। कृषि उपकरणों और फसल को तैयार करने वाले संसाधनों की चोरी हरियाणवीं संस्कृति में घिनौना कार्य मानी जाती रही है। जिस प्रकार बेहद ज्यादा गहराई से नहर की पटरी के नीचे पानी चोरी की पाइपे मिली उसने यह भी साफ कर दिया कि चोरी का क्रम वर्षाें से निरंतर चल रहा है। चोरी के संसाधनों को कहीं कंटीली झाड़ियों में छिपाया गया था तो कहीं कूड़ा-कर्कट के अंदर से इन्हें खेतों तक ले जाया गया। ब्रांच नहर में जिस तकनीक से चोरी संसाधनों को स्थापित किया गया उसे देखकर विभागीय अधिकारी भी हैरान है। घने रकबे की जीवन रेखा माने जाने वाली सिरसा ब्रांच नहर शायद इसी कारण अधिकांश किसानों का नसीब नहीं बदल पाई, क्योंकि गड़बड़ी के कारण हकदारों को हक नहीं मिल पाया। इसी गंभीर मुद्दे ने अन्न दाता को अन्न से महरूम तो किया ही धान का कटोरा कहे जाने वाले इलाके को उत्पादन में भी पछाड़ कर रख दिया। यह हर किसी के लिए ¨चता का विषय है।