लाखों रुपये की नौकरी छोड़ सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे संदीप पुरी
रोजगार नहीं मिलने के कारण जोगिया वेश धारण करते हुए तो अकसर लोगों को देखा जाता है। ऐसे लोग विरले ही होते हैं जो नौकरी के बड़े ओहदे को त्याग कर सन्यासी राह पर चल पड़ते हैं। इसका उदाहरण हैं कलायत खंड के गांव कमालपुर स्थित बाबा खैर नाथ मंदिर परिसर में जलधारा तप कर रहे बाबा संदीप पुरी।
संवाद सहयोगी, कलायत : रोजगार नहीं मिलने के कारण जोगिया वेश धारण करते हुए तो अकसर लोगों को देखा जाता है। ऐसे लोग विरले ही होते हैं जो नौकरी के बड़े ओहदे को त्याग कर सन्यासी राह पर चल पड़ते हैं। इसका उदाहरण हैं कलायत खंड के गांव कमालपुर स्थित बाबा खैर नाथ मंदिर परिसर में जलधारा तप कर रहे बाबा संदीप पुरी।
किसान परिवार से संबंध रखने वाले बाबा को आइआइटी की तालीम हासिल हैं। 39 वर्षीय संदीप पुरी ने पूना, मैंगलौर, हिमाचल प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों में सरकारी-निजी क्षेत्र में सेवाएं दी हैं। सूट-बूट और हाई क्लास जीवन यापन करने वाले बाबा ने लाखों रुपये की नौकरी को छोड़कर अब धुने की भस्म शरीर पर रमा ली है।
शाही ठाठ-बाट को एक तरफ रखकर पिछले एक दशक से सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए देश के कोने-कोने में भारतीय संस्कृति की अलख जगा रहे हैं। इन दिनों बाबा कठोर तप कर रहे हैं। सुबह में जलधारा के बीच साधना करते हैं।
41 दिन चलने वाले इस तप में 108 मटकों से स्नान करते हुए विश्व शांति की कामना कर रहे हैं। इनका कहना है कि साधना करने से ईश्वर के दर्शन नहीं होते बल्कि लोकहित का मनोरथ ही सही मायने में प्रभु सेवा का मार्ग है।
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बाबा की अनूठी सोच से हर कोई प्रभावित:
बाबा संदीप पुरी ने बताया कि सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ मंदिर परिसर में नित देश के भविष्य को संस्कृति शिक्षा देने के लिए पाठशाला सजाते हैं। जिन बच्चों को हिदी बोलने में भी परेशानी आती थी, बाबा की पाठशाला में वे विद्यार्थी अब श्लोक और मंत्र का उच्चारण कर रहे हैं। बाबा की इस अनूठी सोच से ग्रामीण बेहद प्रभावित हैं।
बॉक्स :सात फरवरी को कमालपुर में होगा धार्मिक समागम
बाबा संदीप पुरी की जलधारा तपस्या सात फरवरी को संपूर्ण होने जा रही है। इस उपलक्ष्य में उन्होंने देश के कोने-कोने में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए समागम आयोजित करने का निर्णय लिया है। सभी वर्गों के सहयोग से आयोजित होने वाले इस समारोह में भारतीय सभ्यता संरक्षण की अनूठी मुहिम शुरू होगी। इसको लेकर लोग उत्साहित हैं।