पेपर आउट की अफवाह, विभाग सतर्क
हरियाणा बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा शुरू होने के बाद से बोर्ड मुख्यालय से सभी पेपर आउट हुए हैं। तीन मार्च को आयोजित हुए 12वीं के हिदी पेपर आउट होने की अफवाह फैली। इस पर विभाग ने तुरंत ही अफवाह पर संज्ञान लेते हुए अपने अध्यापकों को अलर्ट कर दिया।
हरियाणा बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा शुरू होने के बाद से बोर्ड मुख्यालय से सभी पेपर आउट हुए हैं। तीन मार्च को आयोजित हुए 12वीं के हिदी पेपर आउट होने की अफवाह फैली। इस पर विभाग ने तुरंत ही अफवाह पर संज्ञान लेते हुए अपने अध्यापकों को अलर्ट कर दिया। इसका नतीजा यह रहा कि जिले में परीक्षा में होने वाली नकल के मामले तो मिल रही है, लेकिन पेपर लीक आउट होने के दाग से विभाग और प्रशासन बच गया है। इसके बाद से किसी भी परीक्षा केंद्र में भविष्य में भी पेपर आउट न हो, इसके लिए विभाग की ओर से परीक्षा केंद्र में परीक्षा के दौरान जांच को तेज किया गया है। भविष्य में नकल और पेपर आउट न हो, इसके लिए विभाग कितना सतर्क रहता है। यह तो आगामी समय ही बताएगा।
कोरोना के चलते मंदी की मार
कोरोना वायरस के भय के चलते शहर में हर जगह रोना है। इस बीमारी के भय के कारण हर बाजार में मंदी की मार हैं। ऐसा नहीं है कि बाजार में ग्राहकों की कमी है। बाजार में ग्राहकों की कमी नहीं बल्कि उनके द्वारा खरीदने वाला सामान ही बाजार में नहीं मिल रहा है। बाजार में पूरी तरह से चीन से निर्यात होने वाला माल नहीं पहुंच रहा है। अब ग्राहक दुकानों पर पहुंचते तो हैं, लेकिन चीन से माल न पहुंचने की स्थिति में उन्हें वापिस लौटना पड़ता है। अब कोरोना वायरस के भय बाजार में कितने समय तक रहेगा, यह सवाल हर किसी के मन में है। कोरोना वायरस के कारण मंदी की मार सबसे अधिक चिकन मार्केट पर पड़ी है। पहले तो कोरोना वायरस के चलते चिकन मार्केट में चिकन के दाम कम हुए और अब प्रशासन ने खुले में चिकन बेचने पर पाबंदी लगाते हैं।
134ए नियम में विभाग की खानापूर्ति
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पहली से 12वीं तक गरीब विद्यार्थियों को निशुल्क पढ़ाने के नियम 134ए के दाखिले के लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया के शुरू होने से पहले ही विभाग ने सभी निजी स्कूलों से खाली सीटों को ब्योरा मांग लिया था। ब्योरा मांगने के बाद निजी स्कूलों की ओर से सीटों की जानकारी भी विभाग को मिल गई, लेकिन इसके बाद भी 134ए के तहत हो रहे आवेदन को लेकर विभाग को कोई जानकारी नहीं है। विभाग की ओर से केवल यही हवाला दिया जा रहा है कि यह मामला निदेशक के कार्यालय का है। सीटों को लेकर विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। अब ऐसे में जिले के अभिभावकों को सीटों के ब्योरे की जानकारी न हीं मिल पा रही है।
मैडम को फोन से नहीं है फुर्सत
जिला प्रशासन के एक विभाग में कार्यरत मैडम पर इन दिनों काम का तो बोझ अधिक है, लेकिन इन दिनों फोन का अधिक प्रयोग उनकी मजबूरी बना हुआ है। मैडम काम से अधिक तवज्जो आपने फोन को देती है। इस कारण उनके पास कार्य करवाने के लिए पहुंचे वालों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। जब काम करवाने वाला व्यक्ति उनसे फोन को लेकर कोई जवाब कर लेता है तो मैडम उन्हें झट से फटकार देती है। मैडम जब फटकार लगाती हैं तो उनका खौफ अपने आप ही दूसरे व्यक्ति को लगने लगता है। इस शर्म के मारे वह आला अधिकारियों को शिकायत भी नहीं दे सकती हैं, क्योंकि मैडम का आला अधिकारियों के पास भी काफी ऊंची पहुंच है। मैडम अपने काम को बड़े ही अच्छे ढंग से करती थी, यह भी सच्चाई है। लेकिन पिछले कुछ समय से मोबाइल पर बड़ी व्यवस्था के चलते काम का बोझ बढ़ता जा रहा है।
प्रस्तुति : कमल बहल, कैथल।