बढ़ रहे हादसे, कुंभकर्णी नींद सो रहा प्रशासन
जिला प्रशासन बेसहारा गोवंश का सहारा नहीं बन पा रहा है। प्रशासन की ओर से चारे की व्यवस्था नहीं होने के कारण कालोनी में गोवंश कचरे के ढेरों में मुंह मारने को मजबूर हैं। शहर में करीब 700 पशु सड़कों पर हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल : जिला प्रशासन बेसहारा गोवंश का सहारा नहीं बन पा रहा है। प्रशासन की ओर से चारे की व्यवस्था नहीं होने के कारण कालोनी में गोवंश कचरे के ढेरों में मुंह मारने को मजबूर हैं। शहर में करीब 700 पशु सड़कों पर हैं।
गोवंश की समस्या को लेकर जिला प्रशासन कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है। समस्या का समाधान करने को लेकर प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है। नगर परिषद भी इस मामले में हाथ खड़े कर चुकी है।
पालिका आयुक्त कुलधीर सिंह ने एक बार गोशाला संचालकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें संचालकों ने पशु लेने से मना कर दिया था। उसके बाद दोबारा से मीटिग भी नहीं बुलाई जा रही है। दो साल पहले नप की ओर से पशुओं को पकड़ने का टेंडर लगाया गया था। उसके बाद ना तो टेंडर लगाया गया और ना ही इस समस्या का समाधान करने का कोई रास्ता निकाला गया। रोजाना बेसहारा पशुओं के कारण सड़क हादसे हो रहे हैं। इन हादसों से भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है। 20 दिनों में पशुओं के कारण हुए हादसों में तीन लोग अपनी जान गवां चुके हैं। कई लोग ऐसे हैं जो हादसों में घायल हो चुके हैं। इन हादसों में पशु भी घायल हो रहे हैं और इलाज नहीं मिलने के कारण सड़कों पर ही दम तोड़ रहे हैं।
अधिकारियों के समक्ष रखी है समस्या
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि बेसहारा गोवंश की समस्या उच्च अधिकारियों के सामने रखी हुई है। जब तक गोशाला संचालक पशु लेने के लिए राजी नहीं हो जाते वे टेंडर भी नहीं लगा सकते।