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नाबालिग बेटी को घर ले जाने को समिति का चक्कर काट रहे परिजन

जागरण संवाददाता, कैथल : राजौंद क्षेत्र के एक गांव का परिवार अपनी नाबालिग बेटी को घर ले ज

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jan 2018 05:28 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jan 2018 05:28 PM (IST)
नाबालिग बेटी को घर ले जाने को  समिति का चक्कर काट रहे परिजन
नाबालिग बेटी को घर ले जाने को समिति का चक्कर काट रहे परिजन

जागरण संवाददाता, कैथल : राजौंद क्षेत्र के एक गांव का परिवार अपनी नाबालिग बेटी को घर ले जाने के लिए कई दिनों से बाल भवन के चक्कर काट रहा है। नाबालिग लड़की माता पिता से कहासुनी के बाद थाने में चली गई थी। थाने से लड़की को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर 12 दिसंबर को बाल कल्याण समिति सदस्यों को सौंप दिया था।

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लड़की के परिजन उस दिन से ही लड़की को घर ले जाने के लिए समिति का चक्कर लगा रहे हैं। 14 दिसंबर को लड़की ने लिखित में सदस्यों को घर ले जाने लिए हामी भर दी थी। इसके बावजूद समिति सदस्य लड़की को परिजनों को सौंपने को तैयार नहीं है। इससे परेशान परिजन रविवार को डीसी सुनीता वर्मा से मिलने उनके कैंप कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन डीसी नहीं मिल पाईं। ।

सोमवार को जब कार्यालय खुले तो परिजन फिर डीसी से मिलने पहुंचे और इस बारे में शिकायत दी। डीसी ने शिकायत को कार्यक्रम अधिकारी को भेज दी। कार्यक्रम अधिकारी छुट्टी पर होने के कारण मामला फिर उन्हीं सदस्य के पास पहुंच गया। दो दिन से परिजन बाल भवन में ही बैठे हैं।

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ऐसे किया जा रहा है

परिवार को प्रताड़ित

परिवार के सदस्यों का कहना है कि यह उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ मामला है। गांव में लोग तरह तरह की बातें कर रहे हैं। वह पहले दिन से ही बाल भवन के चक्कर लगा रहे हैं। पहले लड़की मिलने से मना कर रही थी, लेकिन अब लड़की उनके साथ घर जाने के लिए तैयार है। बाल कल्याण समिति सदस्य उनको प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं। सोमवार को पूरा दिन ये सभी सदस्य यहां से गायब थे। रविवार को भी समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सैनी ने उनको बुलाया और पूरा दिन बिठा कर रखा। वह देर रात नौ बजे घर गए, लेकिन अध्यक्ष नहीं आए। सोमवार सुबह से भी वह इंतजार ही कर रहे हैं। ना तो सदस्य सीट पर बैठते हैं और ना ही कोई कार्रवाई करते हैं। मजबूरन उन्होंने मामले की शिकायत डीसी को देनी पड़ी। उसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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अध्यक्ष ने कहा था ना सौंपे लड़की

बाल कल्याण समिति के तीन सदस्य अपनी कार्रवाई पूरी करते हुए लड़की को परिजनों को सौंप सकते थे, लेकिन नहीं सौंपी गई। दो सदस्यों का कहना है कि उन्हें अध्यक्ष ने निर्देश दिए थे कि वह लड़की को ना सौंपे। वह साढे़ तीन बजे तक आएंगे उसके बाद ही लड़की को परिजनों को सौंप देंगे।

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यहां फंसा है पेंच

समिति के अध्यक्ष एक समय में दो जगह पर नौकरी कर रहे हैं। अब वह एक संस्थान से छुट्टी करने के बाद ही बाल भवन पहुंचेंगे और फिर मामले में कुछ होगा। मौके पर मौजूद दो सदस्यों का कहना है कि वह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। समिति के अध्यक्ष दो जगह ड्यूटी कर लाभ ले रहे हैं तो इसमें उनका क्या दोष है। समिति अध्यक्ष ने लड़की सौंपने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।


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