बरसात ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी, 1509 व पीआर धान को नुकसान
शनिवार अल सुबह तीन बजे मौसम की करवट के बाद शुरू हुई बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। दिनभर रुक-रुक कर हुई बरसात के कारण 1509 व पीआर धान को काफी नुकसान हुआ है। जहां बरसात के साथ चली तेज हवा से पककर तैयार फसल खेतों में जमीन पर बिछी हुई नजर आई, वहीं मंडी में धान की ढेरियों के नीचे पानी घुस गया। किसानों ने कहा कि उनकी छह माह की कमाई बर्बाद हो गई है।
जागरण संवाददाता, कैथल : शनिवार अल सुबह तीन बजे मौसम की करवट के बाद शुरू हुई बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। दिनभर रुक-रुक कर हुई बरसात के कारण 1509 व पीआर धान को काफी नुकसान हुआ है। जहां बरसात के साथ चली तेज हवा से पककर तैयार फसल खेतों में जमीन पर बिछी हुई नजर आई, वहीं मंडी में धान की ढेरियों के नीचे पानी घुस गया। किसानों ने कहा कि उनकी छह माह की कमाई बर्बाद हो गई है।
बरसात लेकर आई आफत
सुबह नौ घंटे तक लगातार बरसात हुई। 11 बजे के बाद बरसात रुकी, लेकिन एक बजे फिर से बरसात शुरू हो गई। मौसम विज्ञानियों के अनुसार कैथल में 17, कलायत में 12 व गुहला में 30 एमएम बरसात दर्ज की गई। अगले दो दिनों तक भी बरसात होने की संभावना है। बरसात ने लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित कर दी। शहर की निचली बस्तियों में पानी भर गया। इस कारण आवाजाही को लेकर खासी परेशानी आई।
रेलवे अंडरपास में पानी भरने के कारण शहर की करीब दस कॉलोनियों का शहर से संपर्क टूट गया। लोगों को दूसरे मार्गो से होकर आना-जाना पड़ा। वहीं शक्ति नगर, हरसौला बस्ती, आंबेडकर बस्ती, अर्जुन नगर, डीएवी कालोनी में जलभराव की दिक्कत रही।
मंडियों में पानी भरने से फसल खराब
शहर की दोनों मंडियों में पानी भरने के कारण धान की फसल खराब हो गई। बोरियां बरसात के पानी में भीग गई। धान लेकर आए किसान रामकुमार, सतबीर ने बताया कि पानी की निकासी को लेकर मंडी में कोई प्रबंध नहीं है, इस कारण उनका अनाज खराब हो गया। खुले आसमान के नीचे रखे धान को बरसात के पानी से बचाने के लिए मार्केट कमेटी की तरफ से किसी प्रकार का कोई प्रबंध नहीं किया गया। कुछ किसानों ने तो कट्टों को तिरपाल ढककर बरसात से बचाने का प्रयास किया लेकिन तेज हवा के कारण वे सफल नहीं हो पाए। इसी प्रकार पुरानी मंडी में भी अनाज पानी से भीग गया। शाम के समय फिर से तेज हवा के साथ बरसात शुरू हुई।
80 हजार हेक्टेयर फसल हुई खराब
जिलेभर में एक लाख 40 हजार हेक्टेयर में धान की फसल है। इनमें 1509 व पीआर धान इन दिनों खेतों पककर तैयार है। इन दिनों इस किस्म की करीब 80 हजार हेक्टेयर फसल लगाई हुई है। पिछले साल सीजन में 1509 धान के अच्छे भाव मिलने के कारण किसानों का इस किस्म के प्रति रूझान है। इस कारण इस वर्ष इसका रकबा बढ़ा है। पिछले सप्ताह जहां 2700 रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा भाव पहुंच गए थे लेकिन दो दिनों से 2300 रुपये तक की धान बिक रही है।
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ढांड : शनिवार को हुई बरसात ने किसानों की फसल को बर्बाद कर दिया है। ढांड मंडी में भी धान को बरसात से बचाने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए। किसान बलकार ¨सह, महेंद्रपाल, सुख¨वद्र, धर्मपाल, राजू, हरभजन ¨सह ने बताया कि इन दिनों खेतों में धान की कटाई चल रही है। बरसात से काम रुक गया है। किसानों की मांग है कि प्रभावित फसलों का मुआवजा दिया जाए। वहीं कलायत क्षेत्र में बरसात व तेज हवा के चलते पांच घंटे तक बिजली बाधित रही। इस कारण कामकाज पूरी तरह से ठप रहा।