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बीमार रोडवेज चालकों के हाथों में पब्लिक की जान

रोडवेज बसों में सफर कर रहे हैं तो थोड़ा सावधान रहें। बसों के स्टेय¨रग अस्वस्थ चालकों के हाथ में हैं। सिग्नस अस्पताल की तरफ से लगाए गए शिविर में 200 रोडवेज कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की गई तो 160 बीमार निकले। इनमें बीपी व शुगर के 90, सर्जरी के 10, सिर में दर्द के 40, जोड़ों के दर्द के 10 व 10 कर्मचारी दिल की बीमारी से ग्रस्त मिले हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:20 PM (IST)
बीमार रोडवेज चालकों के हाथों में पब्लिक की जान
बीमार रोडवेज चालकों के हाथों में पब्लिक की जान

जागरण संवाददाता, कैथल :

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रोडवेज बसों में सफर कर रहे हैं तो थोड़ा सावधान रहें। बसों के स्टेय¨रग अस्वस्थ चालकों के हाथ में हैं। सिग्नस अस्पताल की तरफ से लगाए गए शिविर में 200 रोडवेज कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की गई तो 160 बीमार निकले। इनमें बीपी व शुगर के 90, सर्जरी के 10, सिर में दर्द के 40, जोड़ों के दर्द के 10 व 10 कर्मचारी दिल की बीमारी से ग्रस्त मिले हैं।

इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों के गंभीर बीमारी से पीड़ित होने से अधिकारियों की टेंशन बढ़ गई है। बीमार होने के बावजूद चालक जहां बसों को दौड़ा रहे हैं, वहीं वर्कशॉप में कर्मचारी काम में जुटे हैं। वर्कशॉप में करीब 20-22 सालों से भर्ती नहीं हुई है। आइटीआइ छात्रों के साथ काम चलाया जा रहा है। रिक्त पदों के कारण कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ रहा है। इस दौरान तरुण मलिक, कुलदीप ¨सह, शिव कुमार, पहल ¨सह, लखपत ¨सह, राजकुमार, महावीर ¨सह, जसबीर, मांगेराम, विमल, राजबीर, महीपाल, राजेंद्र, श्यामलाल व सुरेश कालड़ा मौजूद थे।

दो माह पहले हो चुकी है दिल का दौरा पड़ने से एक चालक की मौत

काम के बढ़ते बोझ के कारण कर्मचारी हर समय तनाव में रहते हैं। इस कारण आए दिन उनके साथ हादसे हो रहे हैं। वहीं तनावग्रस्त चालकों के चलते लोगों को भी हर समय जान का खतरा बना रहता है। दो माह पहले भी एक चालक की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो चुकी है।

तनाव में काम कर रहे कर्मचारी

सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन के राज्य उप महासचिव जसबीर ¨सह ने बताया कि कर्मचारी हर समय तनाव में काम करता है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई जांच नहीं की जाती। छुट्टी भी नहीं मिल पाती। बसों में सफर के दौरान भी कर्मचारियों के साथ हो रहे झगड़ों के कारण तनाव बढ़ रहा है।

सुबह आठ से 12 बजे तक लगा शिविर

अस्पताल की तरफ से आयोजित शिविर सुबह आठ बजे शुरू होकर 12 बजे तक चला। इसमें शुगर, बीपी हैपेटाइटस बी व सी सहित अन्य जांच की गई। डॉ. अश्विनी कुमार पटेल, डॉ. मोहम्मद सुल्तान डार, डॉ. परवेज मलिक ने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की। शिविर में ज्यादातर कर्मचारी शुगर, बीपी व जोड़ों के दर्द से पीड़ित मिले। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल रेफर किया गया है।

नहीं दे पा रहे स्वास्थ्य पर ध्यान

रोडवेज अधिकारियों ने कहा कि आज के व्यस्त जीवन में हम स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। इस कारण कई तरह की बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती हैं और बाद में वो गंभीर रूप धारण कर लेती हैं। अगर समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच कराई जाए तो कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।

मास्क पहनकर करें कार्य : पटेल

डॉ. अश्वनी कुमार पटेल ने बताया कि रोडवेज में कर्मचारी अकसर धुआं, तेल और ग्रीस के बीच रहते हैं, इनससे प्रदूषण फैलता रहता है। इससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। इसलिए कर्मचारियों को यही सलाह दे रहे हैं कि वो मुंह पर मास्क पहन कर कार्य करें, खानपान ठीक होना चाहिए, नींद पूरी लें, लगातार काम न करें, बीच में आराम जरूरी है।

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शिविर लगाकर कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की गई है। जो कर्मचारी बीमारी से ग्रस्त मिले हैं उन्हें इलाज कराने की सलाह दी है।

डॉ. जसजीत ¨सह, यूनिट हेड, सिग्नस अस्पताल।

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स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया था। वे शुभारंभ करने के बाद चंडीगढ़ में बैठक के लिए निकल गए थे। कितने कर्मचारी किस बीमारी से ग्रस्त मिले हैं, उन्हें कोई जानकारी नहीं है। कर्मचारियों को बीमारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

रामकुमार, जीएम रोडवेज।


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