पीटीआइ अध्यापकों ने खेल मंत्री का पुतला फूंककर जताया विरोध
शारीरिक शिक्षा संघर्ष समिति के बैनर तले 1983 पीटीआइ अध्यापकों की ओर से सेवा बहाली के समर्थन में लघु सचिवालय में दिया गया धरना और क्रमिक अनशन लगातार 17वें दिन भी जारी रहा।
जागरण संवाददाता, कैथल : शारीरिक शिक्षा संघर्ष समिति के बैनर तले 1983 पीटीआइ अध्यापकों की ओर से सेवा बहाली के समर्थन में लघु सचिवालय में दिया गया धरना और क्रमिक अनशन लगातार 17वें दिन भी जारी रहा। बुधवार को धरने की अध्यक्षता सतपाल शर्मा व मंच संचालन राजेश पंचाल और विजय बूरा ने किया। सभी अध्यापकों ने लघु सचिवालय के मुख्य गेट के सामने खेल मंत्री सरदार संदीप सिंह का पुतला फूंककर विरोध जताया। सबसे पहले सभी अध्यापक और अन्य कर्मचारी संगठनों के कर्मचारी पिहोवा चौक पर एकत्रित हुए। इसके बाद वह सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए करनाल रोड पर पहुंचे। यहां उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर पुतला फूंका। सतपाल शर्मा ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के करीब दो हजार पीटीआइ अध्यापकों के साथ नाइंसाफी करते हुए इन्हें एक झटके से ही नौकरी से हटा दिया। जिससे इन्हें अब अपना परिवार का पालन पोषण करने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। सरकार का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं बरती गई है। जबकि अध्यापकों का तो इसमें कोई दोष नहीं है। सरकार ने माननीय न्यायालय के बहाने शिक्षकों के रोजगार पर लात मारी है। यह काफी निदनीय है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही 1983 पीटीआइ को बहाल नहीं किया गया तो वह इस आंदोलन को और तेज करेंगे। इस मौके पर धरने पर अध्यापक अजीत पाल, चरण सिंह यादव, कर्णवीर, पूनम, गुरमीत कौर क्रमिक अनशन पर बैठे। धरने का समर्थन करने प्रधान रमेश तितरम, संरक्षक दलबीर पुनिया, आंगनबाड़ी वर्कर शकुंतला, रामपाल शर्मा, किसान नेता होशियार सिंह, जरनैल सिंह, बलवान कुंडू, सतबीर गोयत, जयप्रकाश शास्त्री, महेंद्र सिंह धरना स्थल पर पहुंचे।
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