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नियम 134ए : सीटों की जानकारी नहीं दे रहे प्राइवेट स्कूल

134ए के दाखिले का शेड्यूल जारी होते ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि जब तक उनके खाते में पिछले दो वर्षो की 134ए की बकाया राशि नहीं आ जाती है तब तक वे न तो सीटों की जानकारी देंगे और न ही दाखिले।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 09:10 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 09:10 AM (IST)
नियम 134ए : सीटों की जानकारी नहीं दे रहे प्राइवेट स्कूल
नियम 134ए : सीटों की जानकारी नहीं दे रहे प्राइवेट स्कूल

जागरण संवाददाता, कैथल : 134ए के दाखिले का शेड्यूल जारी होते ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि जब तक उनके खाते में पिछले दो वर्षो की 134ए की बकाया राशि नहीं आ जाती है तब तक वे न तो सीटों की जानकारी देंगे और न ही दाखिले। दूसरी तरफ विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने 25 मार्च तक सभी प्राइवेट स्कूलों को खाली सीटों की जानकारी नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने, स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करने तथा खंड शिक्षा कार्यालय को देने के निर्देश दिए थे। लेकिन 23 मार्च तक सिर्फ 10 प्रतिशत स्कूलों ने ही जानकारी दी है। हालांकि एसोसिएशन का दावा है कि अभी तक किसी भी स्कूल ने जानकारी नहीं दी है। शिक्षा विभाग भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए झूठ बोल रहा है। 28 मार्च से जमा होंगे आवेदन

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शेड्यूल के अनुसार 28 मार्च से चार अप्रैल तक सभी खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में 134ए के आवेदन जमा होंगे। सात अप्रैल को परीक्षा होगी। आवेदन के समय विद्यार्थी को अपने पसंदीदा स्कूल का नाम भरना होता है। विद्यार्थी खाली सीटों के अनुसार ही यह नाम भरते हैं, क्योंकि परीक्षा परिणाम आने के बाद आवेदन में भरे गए स्कूल मेरिट आधार पर अलॉट किए जाते हैं। अभिभावक काटते रहते हैं चक्कर

प्राइवेट स्कूल शुरुआत से ही खाली सीटों की जानकारी देने में आनाकानी करते हैं। अगर कोई अभिभावक स्कूल पहुंचकर भी जानकारी लेना चाहता है तब भी स्कूल संचालक जानकारी नहीं देते हैं। अभिभावक सीटों की जानकारी के लिए कभी बीईओ कार्यालय तो कभी स्कूल चक्कर काटते रहते हैं। हक मांग रहे, भीख नहीं

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के राज्य सचिव वरुण जैन का कहना है कि एसोसिएशन सभी स्कूलों के संपर्क में हैं और सभी स्कूल एकजुट हैं। वे अपना हक मांग रहे हैं कोई भीख नहीं मांग रहे हैं। स्कूलों का करोड़ों रुपया बकाया है। विभाग लॉलीपॉप देने के लिए एक बार फिर बकाया राशि की जानकारी मांग रहा है। वे जानकारी दे रहे हैं। ऐसे में बार बार जानकारी की बजाय पैसे क्यों नहीं दिए जा रहे हैं। उनकी मांग है कि तुरंत पैसे दी जाएं, नहीं तो वे ना सीटों की जानकारी देंगे और न ही दाखिले। अभी तक बहुत कम स्कूलों ने सीटों की जानकारी दी है। सोमवार को वे इसकी जानकारी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को देंगे और उसके बाद ही तय किया जाएगा कि जानकारी नहीं देने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।

- रति राम शर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी कैथल।


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