तीन साल से नहीं मिली 134ए की राशि, निजी स्कूल संचालकों ने जताया रोष
जागरण संवाददाता, कैथल : प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एप्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्राइवेट स्कूल संचालक लघु सचिवालय में खेल एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिलने पहुंचे। जब मंत्री कष्ट निवारण समिति की बैठक लेने नहीं आए तो स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग व सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया।
जागरण संवाददाता, कैथल : प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्राइवेट स्कूल संचालक लघु सचिवालय में खेल एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिलने पहुंचे। जब मंत्री कष्ट निवारण समिति की बैठक लेने नहीं आए तो स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग व सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया। स्कूल संचालक 134-ए की राशि दिए जाने व दस साल पुराने स्कूलों की मान्यता रिन्यू करने में मनमानी करने के आरोप लगा रहे थे।
एसोसिएशन के राज्य सचिव वरूण जैन व जिला प्रधान राजेश मुंजाल ने कहा कि पिछले तीन साल से 134-ए की घोषित प्रति बच्चा राशि स्कूलों को नहीं दी गई है, जबकि नए बच्चों को हर साल स्कूलों में दाखिल दिया जा रहा है। दाखिले से मना करने पर स्कूलों पर दबाव डाला जाता है। एक तो राशि पहले ही कम है और पिछले तीन साल से यह भी नहीं दी जा रही है। एसोसिएशन कई बार इस संदर्भ में मांग पत्र अधिकारियों व सरकार को दे चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अगर नए सत्र तक स्कूलों की बकाया राशि नहीं दी गई तो वे नए सत्र में बच्चों को दाखिला नहीं देंगे। संरक्षक ब¨लद्र संधू, चेयरमैन पवन सागवाल, प्रदेश उप-प्रधान जो¨गद्र ¨सह ढुल व महासचिव हरपाल आर्य ने कहा कि सरकार की शिक्षा नीति गलत हैं। यही हाल रहा तो सभी स्कूल बंद हो जाएंगे या फिर शिक्षा में गुणवत्ता को बनाए रखना मुश्किल होगा।
सरकार 10 साल पुराने स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों से भी रिन्यूअल की बजाय फार्म नंबर दो भरवा रही है जो नए स्कूलों को मान्यता देने के लिए भरवाया जाता है। सरकार नियमों का सरलीकरण करने की बजाय और बाधाएं उत्पन्न कर रही हैं।
इस मौके पर सुभाष पूंडरी, मंगल क्योड़क, रामनिवास ¨सगला, वेदप्रकाश, विकास धीमान, संजीव शर्मा, सतबीर सहारण, राजेश सहारण, विकास धीमान मौजूद थे।